चैत्र मास में करें ये उपाय

Chaitra Month 2025 Upay: चैत्र मास में इन उपायों को करने से होगा फायदा, जीवन में आएगी सुख-समृद्धि


चैत्र माह की शुरुआत 15 मार्च से हो रही है। यह हिंदू पंचांग का पहला महीना है, जिसका धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत महत्व है। इस मास में की गई पूजा, व्रत और दान-पुण्य का प्रभाव संपूर्ण वर्ष पर पड़ता है। इसके अलावा मान्यता है कि इस माह में कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सफलता प्राप्त होती है। ये उपाय देवी-देवताओं की कृपा पाने और नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होते हैं। साथ ही अच्छे स्वास्थ्य व आर्थिक उन्नति के लिए अत्यंत प्रभावी माने जाते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि चैत्र मास में कौन-कौन से उपाय करने से लाभ होता है।



चैत्र मास में किए जाने वाले उपाय


  1. देवी दुर्गा की पूजा- चैत्र नवरात्रि में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा नवरात्रि के दौरान नौ दिनों तक व्रत रखना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है। इसके अलावा अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन करना और उन्हें भोजन व उपहार देना लाभकारी माना जाता है।
  2. भगवान राम की पूजा- चैत्र माह के दौरान रामनवमी का पर्व पड़ता है। यह दिन भगवान राम के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन श्रीरामचरितमानस या रामायण का पाठ करना बहुत शुभ माना जाता है। इसके अलावा गरीबों को भोजन कराना और जरूरतमंदों की सहायता करना अत्यंत पुण्यकारी होता है।
  3. दान पुण्य करना- चैत्र मास में दान करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और अशुभ प्रभाव समाप्त होते हैं। इस माह में अन्नदान, जलदान और वस्त्रदान करना बहुत शुभ माना जाता है। गर्मी के मौसम को देखते हुए इस महीने में प्यासे लोगों को ठंडा पानी, शरबत और छाछ पिलाना अत्यंत पुण्यकारी होता है। इस महीने में पीपल, तुलसी और आम के पेड़ लगाने और उनकी सेवा करने से ग्रह दोषों का निवारण भी होता है।

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मेरे कंठ बसो महारानी (Mere Kanth Baso Maharani)

मेरे कंठ बसो महारानी,
ना मैं जानू पूजा तेरी,

मां अन्नपूर्णा को खुश करने के उपाय

धार्मिक मान्यता के अनुसार मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन मां पार्वती माता अन्नपूर्णा के रूप पृथ्वी पर प्रकट हुई थीं। इसलिए हर साल मार्गशीर्ष माह की पूर्णिमा को अन्नपूर्णा जयंती मनाई जाती है।

शिव शंकर तुम कैलाशपति (Shiv Shankar Tum Kailashpati)

शिव शंकर तुम कैलाशपति,
है शीश पे गंग विराज रही,

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