भोलेनाथ के लिए इन मंत्रों का जाप करें

Mahashivratri Mantra 2025: महाशिवरात्रि पर करें शिव जी के इन मंत्रों का जाप, मृत्यु के भय से मिल सकती है मुक्ति


फाल्गुन कृष्ण त्रयोदशी तिथि यानी 26 फरवरी को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पूजा के दौरान अगर भगवान शिव के महामंत्रों का जाप किया जाए, तो इससे मृत्यु का भय दूर हो जाता है और कुंडली में बनने वाले अकाल मृत्यु का योग भी टल जाता है। महाशिवरात्रि के दिन 4 प्रहरों में भगवान शिव का पूजन किया जाता है। हर प्रहर की समय अवधि के साथ-साथ, हर प्रहर का एक विशेष मंत्र भी है। यानी कि चार प्रहर के 4 मंत्र जो मृत्यु के भय से मुक्ति दिला सकते हैं। यदि आप किसी परेशानी से जूझ रहे हैं और उससे छुटकारा पाना चाहते हैं, तो महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर जलाभिषेक के समय इन 5 मंत्रों का जाप अवश्य करें। इन प्रभावशाली मंत्रों से आप अपने जीवन की हर समस्या को समाप्त कर सकते हैं।


महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के महामंत्र


1- प्रथम प्रहर की पूजा 


महाशिवरात्रि के प्रथम प्रहर की पूजा का समय 26 फरवरी को शाम 6 बजकर 19 मिनट से रात 9 बजकर 26 मिनट तक है। इस प्रहर के दौरान भगवान शिव के 'ह्रीं ईशानाय नमः' मंत्र का जाप करें। महाशिवरात्रि के दिन इस मंत्र का जाप करने से घर के सभी दोष दूर हो जाते हैं और ग्रह भी शुभ परिणाम पहुंचाते हैं। साथ ही कलेश, भय, कर्ज आदि से भी मुक्ति मिल जाती है।


2- दूसरे प्रहर की पूजा 


महाशिवरात्रि के दूसरे प्रहर की पूजा का समय 26 फरवरी को रात 9 बजकर 26 मिनट से रात 12 बजकर 34 मिनट तक है। इस प्रहर के दौरान भगवान शिव के 'ह्रीं अघोराय नमः' मंत्र का जाप करें। भगवान शिव का यह मंत्र उनके रूप का वर्णन करता है। महाशिवरात्रि के दिन इस मंत्र के जाप से व्यक्ति भगवान शिव की उपासना कर उनके समीप पहुंचता है।


3- तीसरे प्रहर की पूजा 


महाशिवरात्रि के तीसरे प्रहर की पूजा का समय 26 फरवरी को रात 12 बजकर 34 मिनट से रात 3 बजकर 41 मिनट है। इस प्रहर के दौरान भगवान शिव के 'ह्रीं वामदेवाय नमः' मंत्र का जाप करें। वामदेवाय नमः शिव मंत्र जपने वाले और सुनने वाले दोनों के मन के लिए अनेक लाभ रखता है। ओम वामदेवाय नमः शिव मंत्र भगवान शिव से जुड़ा है, यही कारण है कि यह आपको अपने लिए निर्धारित दिनचर्या और योजना का पालन करने की शक्ति प्रदान करता है, तथा उत्पन्न होने वाले संदेहों को दूर करता है।


4- चौथे प्रहर की पूजा 


महाशिवरात्रि के चौथे प्रहर की पूजा का समय 26 फरवरी को रात 3 बजकर 41 मिनट से 27 फरवरी को सुबह 6 बजकर 48 मिनट है। इस प्रहर के दौरान भगवान शिव के 'ह्रीं सद्योजाताय नमः' मंत्र का जाप करें।


चार प्रहर की पूजा विधि


  • प्रथम प्रहर में शिवजी के ईशान स्वरूप का अभिषेक दूध से करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • द्वितीय प्रहर में यदि भोलेनाथ की पूजा अघोर रूप में की जाए तो इसका विशेष फल प्राप्त होता है। इस प्रहर का अभिषेक दही से करना चाहिए।
  • तीसरे प्रहर में शिव के वामदेव स्वरूप की पूजा करनी चाहिए, और इस समय भगवान का अभिषेक घी से करना चाहिए।
  • चौथे प्रहर में सद्योजात स्वरूप में महादेव का अभिषेक शहद से करना चाहिए।



........................................................................................................
मेरी विनती सुनो हनुमान, शरण तेरी आया हूँ (Meri Vinti Suno Hanuman Sharan Teri Aaya Hun)

मेरी विनती सुनो हनुमान,
शरण तेरी आया हूँ,

मौनी अमावस्या पर स्नान-दान का मुहूर्त

माघ मास में आने वाली अमावस्या को माघी अमावस्या भी कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व है। इस दिन तीर्थराज प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में स्नान के लिए भारी संख्या में भक्त आते हैं।

सकट चौथ यम नियम

सकट चौथ हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत मुख्य रूप से सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस दिन भगवान गणेश के साथ माता पार्वती की पूजा की जाती है।

दर्शन की प्यासी नजरिया, मैया (Darshan Ki Pyasi Najariya Maiya)

दर्शन की प्यासी नजरिया,
मैया लीजे खबरिया ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।