मकर संक्रांति के 5 विशेष मंत्र

Makar Sankranti 2025: मकर संक्रांति पर करेंगे इन 5 मंत्रों का जाप तो हर समस्या हो जाएगी समाप्त  


हिंदू धर्म में, सूर्यदेव के राशि परिवर्तन करने की तिथि पर संक्रांति मनाई जाती है। सूर्य देव 14 जनवरी को राशि परिवर्तन करेंगे। इस शुभ अवसर पर मकर संक्रांति पूरे देश में धूम-धाम से  मनाई जाएगी। मकर संक्रांति के दिन बड़ी संख्या में साधक गंगा समेत अन्य नदियों में डुबकी भी लगाते हैं। इसके बाद जगत के पालहार भगवान शिव, विष्णु जी और सूर्य देव की पूजा करते हैं। साथ ही संक्रांति तिथि पर दान-पुण्य करते हैं। तो आइए, इस आर्टिकल में मकर संक्रांति के दिन जाप किए जाने वाले 5 विशेष मंत्रों के बारे में विस्तार पूर्वक जानते हैं।  


जानिए मकर संक्रांति पर पूजन का लाभ

 

धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति पर सूर्यदेव की उपासना करने से साधक को आरोग्य जीवन का वरदान मिलता है। साथ ही सभी प्रकार के शारीरिक एवं मानसिक विकारों से भी मुक्ति मिल जाती है। इतना ही नहीं, करियर और कारोबार में भी सफलता हेतु सूर्यदेव की पूजा की जाती है।  जीवन के विभिन्न समस्याओं से निजात पाने के लिए मकर संक्रांति पर पूजा के दौरान कुछ विशेष मंत्रों का जाप साधक के लिए फलदायी होगा। 


मकर संक्रांति हेतु विशेष सूर्य मंत्र


1. प्रथम मंत्र:- "ओम ऐहि सूर्य सह स्त्रांशों तेजोराशे जग त्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घ्यं नमो स्तुते।।" मकर संक्रांति के दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देते वक्त इस मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। इससे जातक को कई तरह के लाभ हो सकते हैं। ऐसा करने से जातक की कुंडली में भी सूर्यदेव की स्थिति मजबूत होती है।  


2. दूसरा मंत्र:- "आदित्यतेजसोत्पन्नं राजतं विधिनिर्मितम्। श्रेयसे मम विप्र त्वं प्रतिगृहेणदमुत्तमम्।।" यदि, मकर संक्रांति के दिन जातक ब्राह्मण को दान करने के दौरान इस मंत्र का उच्चारण करते हैं तो ये अखंड सौभाग्य देता है। कहा जाता है इस मंत्र को बोलने से व्यक्ति के सभी प्रकार के दोष नष्ट हो जाते हैं। साथ ही उसके भाग्य में सूर्य सा तेज भी उत्पन्न हो जाता है। 


3. तीसरा मंत्र:- "इन्द्रं विष्णुं हरिं हंसमर्कं लोकगुरुं विभुम्। त्रिनेत्रं त्र्यक्षरं त्र्यङ्गं त्रिमूर्तिं त्रिगतिं शुभम्।।"  मकर संक्रांति पर यदि जातक इस मंत्र का जाप करते हुए देवताओं के राजा इंद्र देव और सूर्य देव को धन्यवाद देते हैं तो ये विशेष फल प्रदान करता है। मान्यता है कि इस मंत्र के उच्चारण मात्र से सूर्य और इंद्र दोनों की कृपा प्राप्त होती है। साथ ही अगली फसल की पैदावार भी भरपूर होती है।


4. चौथा मंत्र:- "ॐ ह्रीं सूर्याय नमः" यह मंत्र सूर्य देव का बीज मंत्र है। जिसका जाप करने से सूर्य देव खूब प्रसन्न होते हैं। अगर आप इसका जाप करते हैं, तो आपको उनकी विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। मकर संक्रांति के दिन इस मंत्र के जाप से जातक के मन में नई ऊर्जा का संचार होता है और उनका स्वास्थ्य भी अच्छा बना रहता है।


5. पांचवां मंत्र:- "सूर्य शक्ति मंत्र: ॐ सूर्याय आदित्याय श्री महादेवाय नमः" इस मंत्र की मदद से जातक सूर्य देव की शक्ति को जागृत कर सकते हैं। सूर्य देव की शक्ति को जागृत कर अपने भीतर आत्मविश्वास लाया जा सकता है। साथ ही आंतरिक रूप से मनुष्य में नई ऊर्जा का संचार भी होता है।  इस मंत्र के जाप से आस पास की नकारात्मक शक्तियों का भी नाश हो जाता है।   

........................................................................................................
रविवार के व्रत कथा (Ravivaar Ke Vrat Katha)

रविवार व्रत की पौराणिक कथा के अनुसार प्राचीन काल में एक बुढ़िया रहती थी। वह नियमित रूप से रविवार का व्रत करती।

क्यों मनाते हैं गणेश जयंती

गणेश जयंती भगवान गणेश जी के प्राकट्य दिवस के रूप में मनाई जाती है। पंचांग के अनुसार यह पर्व हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर मनाया जाता है।

पहले ध्यान श्री गणेश का, मोदक भोग लगाओ (Pehle Dhyan Shree Ganesh Ka Modak Bhog Lagao)

पहले ध्यान श्री गणेश का,
मोदक भोग लगाओ,

साथी हारे का तू, मुझको भी श्याम जीता दे(Sathi Hare Ka Tu Mujhko Bhi Shyam Jeeta De)

साथी हारे का तू,
मुझको भी श्याम जीता दे,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।