मासिक दुर्गाष्टमी उपाय

Masik Durgashtami 2025: मासिक दुर्गाष्टमी के उपाय से सभी परेशानियों का होगा अंत, प्रसन्न होंगी मां दुर्गा



मासिक दुर्गाष्टमी का दिन देवी दुर्गा की पूजा के लिए समर्पित है। हर महीने में मासिक दुर्गाष्टमी व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मासिक दुर्गाष्टमी के दिन मां दुर्गा की पूजा करने से जातक को सभी प्रकार के दुख संकट रोग और भय से छुटकारा मिलता  है। आइए जानते हैं मासिक दुर्गाष्टमी पर किए जाने वाले उपाय के बारे में, जिनको करने से साधक को जीवन की सभी परेशानियों से मुक्ति मिलेगी।


मासिक दुर्गाष्टमी के उपाय


  1. अगर आप अपनी मनचाही मनोकामना पूरी करना चाहते हैं, तो इसके लिए मासिक दुर्गाष्टमी पर किया गया उपाय बेहद फलदायी साबित होगा। इस दिन पूजा के दौरान सच्चे मन से मां दुर्गा को लौंग और फूल माला चढ़ाएं। ऐसा माना जाता है कि इस टोटके को करने माता दुर्गा प्रसन्न होती हैं और सभी मुरादें पूरी होती हैं। 
  2. दुर्गाष्टमी के दिन आपको देवी दुर्गा के इस मंत्र का 21 बार जप करना चाहिए। मंत्र है- सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।। मंत्र जप के बाद मां दुर्गा को इलायची का भोग लगाना चाहिए। 
  3. अगर आपके परिवार में किसी प्रकार की परेशानी चल रही है, जिससे आपके घर की सुख-शांति गायब हो गई है तो इससे छुटकारा पाने के लिए दुर्गाष्टमी के दिन आपको 2 कपूर और 12 लौंग लेकर एक गोबर के उपले पर जलानी चाहिए।
  4. अगर स्वास्थ्य को लेकर आपको कुछ परेशानी झेलनी पड़ रही है तो उससे बचने के लिए दुर्गाष्टमी के दिन आपको मां दुर्गा के इस मंत्र का 5 बार जप करना चाहिए।मंत्र है- ऊँ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोस्तु ते।। जप के बाद माता को पांच फलों का भोग लगाना चाहिए। 
  5. कर्ज की समस्या को दूर करने के लिए मासिक दुर्गाष्टमी के दिन विधिपूर्वक मां दुर्गा की पूजा और कन्या पूजन करें। इसके बाद श्रद्धा अनुसार गरीब लोगों में अन्न, धन और वस्त्र का दान करें। इस उपाय को करने से जातक को कर्ज से संबंधित समस्या से मुक्ति मिलती है और जीवन में कभी भी धन की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है।  
  6. यदि आप अपने दाम्पत्य रिश्ते में सुख बनाये रखना चाहते हैं, तो उसके लिए दुर्गाष्टमी के दिन आपको स्नान आदि के बाद देवी मां को सफेद पुष्पों की पुष्पांजलि चढ़ानी चाहिए। इसके बाद दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए।
  7. अगर आपको किसी चीज़ का भय बना रहता है या आपको कोई नया काम शुरू करने से डर लगता है तो अपने भय पर, अपने डर पर काबू पाने केलिए दुर्गाष्टमी के दिन आपको देवी दुर्गा के मंत्र का दो बार जप करना चाहिए। मंत्र इस प्रकार है- जय त्वं देवि चामुण्डे जय भूतार्ति हारिणी। जय सर्वगते देवि कालरात्रि नमोस्तु ते।।

........................................................................................................
काल भैरव की कथा

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को काल भैरव जयंती मनाई जाती है। इस दिन तंत्र-मंत्र के देवता काल भैरव की पूजा की जाती है, जो भगवान शिव के रौद्र रूप हैं।

श्री रुद्राष्टकम् (Shri Rudrashtakam)

नमामीशमीशान निर्वाणरूपं
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।

वादा कर ले भोलेनाथ, छोड़ोगे ना हाथ (Wada Kar Le Bholenath Chodoge Na Hath)

वादा कर ले भोलेनाथ,
छोड़ोगे ना हाथ,

तेरा दर मिल गया मुझको सहारा हो तो ऐसा हो(Tera Dar Mil Gaya Mujhko Sahara Ho To Aisa Ho)

तेरा दर मिल गया मुझको,
सहारा हो तो ऐसा हो ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।