नटवर नागर नंदा, भजो रे मन गोविंदा (Natvar Nagar Nanda Bhajo Re Mann Govinda)

नटवर नागर नंदा,

भजो रे मन गोविंदा,

श्याम सुंदर मुख चंदा,

भजो रे मन गोविंदा,

नटवर नागर नन्दा,

भजो रे मन गोविंदा,

श्याम सुंदर मुख चंदा ॥


तू ही नटवर तू ही नागर,

तू ही नटवर तू ही नागर,

तू ही बालमुकुन्दा,

भजो रे मन गोविंदा,

नटवर नागर नन्दा,

भजो रे मन गोविंदा,

श्याम सुंदर मुख चंदा ॥


सब देवन में कृष्ण बड़े हैं,

सब देवन में कृष्ण बड़े हैं,

ज्यूँ तारन बिच चंदा,

भजो रे मन गोविंदा,

नटवर नागर नन्दा,

भजो रे मन गोविंदा,

श्याम सुंदर मुख चंदा ॥


सब सखियन में राधाजी बड़ी हैं,

सब सखियन में राधाजी बड़ी हैं,

ज्यूँ नदियन बिच गंगा,

भजो रे मन गोविंदा,

नटवर नागर नन्दा,

भजो रे मन गोविंदा,

श्याम सुंदर मुख चंदा ॥


ध्रुव तारे प्रह्लाद उबारे,

ध्रुव तारे प्रह्लाद उबारे,

नरसिंह रूप धरंदा,

भजो रे मन गोविंदा,

नटवर नागर नन्दा,

भजो रे मन गोविंदा,

श्याम सुंदर मुख चंदा ॥


काली देह में नाग जो नाथो,

काली देह में नाग जो नाथो,

फण फण निरत करंदा,

भजो रे मन गोविंदा,

नटवर नागर नन्दा,

भजो रे मन गोविंदा,

श्याम सुंदर मुख चंदा ॥


वृन्दावन में रास रचायो,

वृन्दावन में रास रचायो,

नाचत बालमुकुन्दा,

भजो रे मन गोविंदा,

नटवर नागर नन्दा,

भजो रे मन गोविंदा,

श्याम सुंदर मुख चंदा ॥


मीरा के प्रभु गिरधर नागर,

मीरा के प्रभु गिरधर नागर,

काटो जम के फंदा,

भजो रे मन गोविंदा,

नटवर नागर नन्दा,

भजो रे मन गोविंदा,

श्याम सुंदर मुख चंदा ॥


नटवर नागर नंदा,

भजो रे मन गोविंदा,

श्याम सुंदर मुख चंदा,

भजो रे मन गोविंदा,

नटवर नागर नन्दा,

भजो रे मन गोविंदा,

श्याम सुंदर मुख चंदा। ॥

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छोटी होली कथा

होली से एक दिन पहले मनाई जाने वाली छोटी होली को होलिका दहन के रूप में जाना जाता है। यह पर्व हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है और भक्त प्रह्लाद तथा होलिका की कथा से जुड़ा हुआ है।

कब है बसंत पंचमी 2025?

माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को बसंत पंचमी का उत्सव मनाया जाता है। सनातन धर्म के लोगों के लिए ये दिन बहुत खास होता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस दिन ज्ञान की देवी सरस्वती प्रकट हुई थीं। इसलिए इस दिन माता सरस्वती की पूजा की जाती है।

सावन सुहाना आया है(Sawan Suhana Aaya Hai)

सावन सुहाना आया है, सावन,
संदेसा माँ का लाया है, सावन ॥

माघ पूर्णिमा में चन्द्रमा पूजन

हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि का काफी महत्व है। इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और चंद्र देव की पूजा का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि पर लोग व्रत रखते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।

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