बांके बिहारी की देख छटा (Banke Bihari Ki Dekh Chhata)

बांके बिहारी की देख छटा,

मेरो मन है गयो लटा पटा।


कब से खोजूं बनवारी को,

बनवारी को, गिरिधारी को।

कोई बता दे उसका पता,

मेरो मन है गयो लटा पटा॥

॥ बांके बिहारी की देख छटा...॥


मोर मुकुट श्यामल तन धारी,

कर मुरली अधरन सजी प्यारी।

कमर में बांदे पीला पटा,

मेरो मन है गयो लटा पटा॥

॥ बांके बिहारी की देख छटा...॥


पनिया भरन यमुना तट आई,

बीच में मिल गए कृष्ण कन्हाई।

फोड़ दियो पानी को घटा,

मेरो मन है गयो लटा पटा॥

॥ बांके बिहारी की देख छटा...॥


टेडी नज़रें लत घुंघराली,

मार रही मेरे दिल पे कटारी।

और श्याम वरन जैसे कारी घटा,

मेरो मन है गयो लटा पटा॥

॥ बांके बिहारी की देख छटा...॥


मिलते हैं उसे बांके बिहारी,

बांके बिहारी, सनेह बिहारी।

राधे राधे जिस ने रटा,

मेरो मन है गयो लटा पटा॥

॥ बांके बिहारी की देख छटा...॥


बांके बिहारी की देख छटा,

मेरो मन है गयो लटा पटा।


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आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी (Aapne Apna Banaya Meharbani Aapki)

आपने अपना बनाया मेहरबानी आपकी,
हम तो इस काबिल ही ना थे,

माघ पूर्णिमा विशेष ज्योतिष उपाय

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रक्षाबंधन की पूजा विधि

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ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी (Jyeshth Maas Ki Shukla Paksh Ki Nirjala Ekaadashi)

एक समय महर्षि वेद व्यास जी महाराज युधिष्ठिर के यहाँ संयोग से पहुँच गये। महाराजा युधिष्ठिर ने उनका समुचित आदर किया, अर्घ्य और पाद्य देकर सुन्दर आसन पर बिठाया, षोडशोपचार पूर्वक उनकी पूजा की।

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