सुन री यशोदा मैया - भजन (Sun Ri Yashoda Maiya)

सुन री यशोदा मैया,

तेरे नंदलाल रे,

कंकरिया से मटकी फोड़ी,

कंकरिया से मटकी फोड़ी,

मदन गोपाल रे,

कंकरिया से मटकी फोड़ी ॥


नानो कन्हैया तेरो बड़ा उत्पाती,

संग में ग्वाल बाल खुरापाती,

कर दे डगरिया पे,

कर दे डगरिया पे,

कर दे डगरिया पे चलना मोहाल रे,

कंकरिया से मटकी फोड़ी,

मदन गोपाल रे,

कंकरिया से मटकी फोड़ी ॥


छाछ दही माखन को बेरी,

दाड़ो ढीठ डाटे से ना डरे री,

ऊँचे छीके टांगी,

ऊँचे छीके टांगी,

ऊँचे छीके टांगी बहुत संभाल रे,

कंकरिया से मटकी फोड़ी,

मदन गोपाल रे,

कंकरिया से मटकी फोड़ी ॥


सुन री यशोदा मैया,

तेरे नंदलाल रे,

कंकरिया से मटकी फोड़ी,

कंकरिया से मटकी फोड़ी,

मदन गोपाल रे,

कंकरिया से मटकी फोड़ी ॥

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मेरे उज्जैन के महाकाल(Mere Ujjain Ke Mahakal )

तेरी होवे जय जयकार,
मेरे उज्जैन के महाकाल,

कृष्ण कन्हैया बंसी बजैया (Krishna Kanhaiya Bansi Bajaiya)

कृष्ण कन्हैया बंसी बजैया,
नंदलाला घनश्याम रे,

फूल भी न माँगती, हार भी न माँगती (Phool Bhi Na Mangti Haar Bhi Na Mangti)

फूल भी न माँगती,
हार भी न माँगती,

क्यों खास है डोल पूर्णिमा

डोल पूर्णिमा का त्यौहार मुख्य रूप से बंगाल, असम, त्रिपुरा, गुजरात, बिहार, राजस्थान और ओडिशा में मनाया जाता है। इस दिन राधा-कृष्ण की मूर्ति को पालकी पर बिठाया जाता है और भजन गाते हुए जुलूस निकाला जाता है।

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