जो शिव नाम होठों पे चढ़ गयो रे (Jo Shiv Naam Hothon Pe Chadh Gayo Re)

जो शिव नाम होठों पे चढ़ गयो रे,

तो समझो ये जीवन संवर गयो रे ॥


मन में बसा ले तू शिव का शिवाला,

साथ चलेगा तेरे डमरू वाला,

जो मन शिव की भक्ति में रम गयो रे,

तो समझो ये जीवन संवर गयो रे ॥


जग की ये माया बड़ी उलझाए,

पाप कर्म भक्ति के आड़े आवे,

जो शिवजी ने हाथ सिर पे धर दियो रे,

तो समझो ये जीवन संवर गयो रे ॥


बम बम बासुकी का नाम बड़ा प्यारा,

नाम ने लाखो को पार उतारा,

जो भोलेनाथ ने हाथ पकड़ लियो रे,

तो समझो ये जीवन संवर गयो रे ॥


जो शिव नाम होठों पे चढ़ गयो रे,

तो समझो ये जीवन संवर गयो रे ॥

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मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई(Mere to Giridhar Gopal Dusro Na Koi)

मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई
मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई

क्यों मनाई जाती है गीता जयंती?

सनातन धर्म में एकादशी व्रत को अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। मार्गशीर्ष माह में मोक्षदा एकादशी मनाई जाती है। इसी दिन गीता जयंती का पर्व भी मनाया जाता है।

छोटी-छोटी कन्याएं(Maa Choti Choti Kanyaen)

देखी तेरे दरबार माँ,
छोटी-छोटी कन्याएं ।

बुहा खोल के माये, जरा तक ते ले (Buha Khol Ke Maaye Zara Tak Te Le)

बुहा खोल के माये,
जरा तक ते ले,

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