ओ मेरे गोपाल कन्हैया, मोहन मुरली वाले (O Mere Gopal Kanhaiya Mohan Murliwale)

ओ मेरे गोपाल कन्हैया,

मोहन मुरली वाले,

मोहन मुरली वाले,

गोपाल मुरलिया वाले,

ओ मेरे गोपाल कन्हैंया,

मोहन मुरली वाले ॥


कहो कैसे तुझे रिझाऊं रसिया,

गुणवान नहीं धनवान नहीं,

कोई बड़ा जगत में मान नहीं,

फिर कैसे तुम्हे अपनाऊं रसिया,

कहो कैसे तुझे रिझाऊं रसिया ॥


कोई जप तप संयम नियम नहीं,

मेरा गोपियों जैसा प्रेम नहीं,

फिर कैसे तुम्हे रिझाऊं रसिया,

कहो कैसे तुझे रिझाऊं रसिया ॥


कोई गुण का बड़ा भंडार नहीं,

मेरा मीरा जैसा प्यार नहीं,

फिर कैसे तुम्हे मनाऊं रसिया,

कहो कैसे तुझे रिझाऊं रसिया ॥


मेरे भीलनी जैसे बेर नहीं,

तेरे आने में तो देर नहीं,

फिर कैसे भोग लगाऊं रसिया,

कहो कैसे तुझे रिझाऊं रसिया ॥


ओ मेरे गोपाल कन्हैया,

मोहन मुरली वाले,

मोहन मुरली वाले,

गोपाल मुरलिया वाले,

ओ मेरे गोपाल कन्हैंया,

मोहन मुरली वाले ॥


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मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री(Meri Chunri Mein Pad Gayo Dag Ri)

मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री,
कैसो चटक रंग डारो,

भोले के नाम का प्याला पिएंगे: शिव भजन (Bhole Ke Naam Ka Pyala Piyege)

भोले के नाम का प्याला पिएंगे,
भोले के नाम का जप हम करेंगे,

रवि प्रदोष व्रत विशेष योग

देवाधिदेव महादेव के लिए ही प्रदोष व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि प्रदोष व्रत के दिन महादेव का पूजन किया जाए तो प्रभु प्रसन्न होकर भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते हैं। साथ ही उनके सभी कष्टों का भी निवारण कर देते हैं।

हरियाली तीज (Hariyali Teej)

हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो भारत और नेपाल में मनाया जाता है। हरियाली तीज का अर्थ है "हरियाली की तीज" या "हरित तीज"। यह नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि यह त्योहार मानसून के मौसम में मनाया जाता है, जब प्रकृति में हरियाली का प्रवेश होता है। यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में पड़ती है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है।

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