ओ राही रुक जाना, जहाँ चितचोर बसे, उस राह पे मत जाना (O Rahi Ruk Jana Jaha Chitchor Base Us Raah Pe Mat Jana)

ओ राही रुक जाना,

जहाँ चितचोर बसे,

उस राह पे मत जाना ॥


मोहन बड़ा छलिया है,

मोहन बड़ा छलिया है,

सर पे मोर मुकुट,

हाथों में मुरलिया है,

ओ राहीं रुक जाना,

जहाँ चितचोर बसे,

उस राह पे मत जाना ॥


तेरा धन नहीं लूटेगा,

तेरा धन नहीं लूटेगा,

तिरछी नजरिया से,

तेरे मन को लूटेगा,

ओ राहीं रुक जाना,

जहाँ चितचोर बसे,

उस राह पे मत जाना ॥


सुन ले पछताएगा,

सुन ले पछताएगा,

उसके पास गया,

फिर लौट ना आएगा,

ओ राहीं रुक जाना,

जहाँ चितचोर बसे,

उस राह पे मत जाना ॥


वो मुरली बजाएगा,

वो मुरली बजाएगा,

मीठी मीठी तानों से,

तेरे चित को चुराएगा,

ओ राहीं रुक जाना,

जहाँ चितचोर बसे,

उस राह पे मत जाना ॥


ओ राही रुक जाना,

जहाँ चितचोर बसे,

उस राह पे मत जाना ॥

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महाकाल की लगन: शिव (Mahakal Ki Lagan)

मोहे लागी रे लगन महाकाल की लगन,
तुम्हारे नाम से किस्मत मेरी सजा लू मैं,

यशोदा जयंती क्यों मनाते हैं?

यशोदा जयंती भगवान कृष्ण के मंदिरों के साथ ही दुनियाभर में फैले इस्कॉन में भी काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस पर्व को गोकुल में भी धूमधाम से मनाया जाता है।

मेरा कोई न सहारा बिन तेरे (Mera Koi Na Sahara Bin Tere)

मेरा कोई न सहारा बिन तेरे,
ओ शिव शंकर मेरे,

कावड़ उठाले ध्यान, शिव का लगा ले (Kawad Utha Le Dhyan Shiv Ka Laga Le)

कावड़ उठाले ध्यान,
शिव का लगाले ॥

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