पौष माह के व्रत त्योहार

शुरू हुआ पौष माह, नोट करें इस महीने आने वाले व्रत-त्योहारों की लिस्ट


पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष के बाद पौष का महीना आता है। ये हिंदू कैलेंडर का 10वां महीना होता है। पौष के महीने में सूर्य देव की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। इस महीने में सूर्य देव की उपासना से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। श्राद्ध कर्म और पिंडदान के लिए भी पौष का महीना बहुत उत्तम माना जाता है। इस साल पौष का महीना 16 दिसंबर 2024 यानी आज से शुरू हो चुका है और 13 जनवरी 2025 तक यह मास रहने वाला है।


पौष माह में आने वाले त्योहार 


  • 16 दिसंबर 2024 - पौष मास का प्रारंभ, धनु संक्रांति एवं खरमास को शुरुआत। 
  • 18 दिसंबर 2024 - संकष्टी गणेश चतुर्थी, गुरु घासीदास जयंती, महाराजा छत्रसाल दिवस। 
  • 22 दिसंबर 2024 - भानु सप्तमी।
  • 23 दिसंबर 2024 - रुक्मिणी अष्टमी, किसान दिवस।
  • 25 दिसंबर 2024 - क्रिसमस, ईसा मसीह जयंती, पार्श्वनाथ भगवान जयंती, अटल बिहारी जयंती।
  • 26 दिसंबर 2024 - सफला एकादशी, भगवान चंद्रप्रभु जयंती।
  • 28 दिसंबर 2024 - शनि प्रदोष व्रत।
  • 30 दिसंबर 2024 - सोमवती और पौष अमावस्या।
  • 01 जनवरी 2025 - चंद्र दर्शन, नव वर्ष 2025 प्रारंभ।
  • 02 जनवरी 2025 - रज्जब मास प्रारंभ।
  • 03 जनवरी 2025 - विनायकी चतुर्थी, पंचक शुरू।
  • 06 जनवरी 2025- गुरु गोकुलगास जन्मोत्सव, गुरु गोविंद सिंह जी की जयंती।
  • 07 जनवरी 2025 - शाकंभरी यात्राकंभ, पंचक समापन।
  • 10 जनवरी 2025 - पुत्रदा एकादशी व्रत।
  • 11 जनवरी 2025 - रोहिणी व्रत, शनि प्रदोष व्रत।
  • 13 जनवरी 2025- पौष पूर्णिमा, प्रयागराज कुंभ मेला, लोहड़ी उत्सव, शाकंभरी यात्रा समापन एवं माघ स्नान।


जानें पौष मास के उपाय  


पौष काफ़ी शुभ मास माना जाता है। इस मास के दौरान सुबह के समय जल्दी उठें और उगते हुए भगवान सूर्य भगवान को तांबे के लोटे में जल और गुड़ मिलाकर सच्चे मन से सूर्य मंत्र का जाप करते हुए अर्घ्य अर्पित करें। साथ ही इस मास में नारंगी और लाल रंग का अधिक से अधिक प्रयोग करें। ख़ासकर, रविवार के दिन सुबह के समय तांबे के बर्तन/गुड़ और लाल वस्त्र का दान करें। इस मास के दौरान रोज़ अपने माता पिता के चरण स्पर्श करें। इसके अलावा भोजपत्र पर तीन बार गायत्री मंत्र लाल चंदन से लिखकर अपने पर्स में रख लें। और लाल चंदन की माला से गायत्री मंत्र का सूर्य के समक्ष जाप करें। मान्यता है कि इन उपायों को करने से साधक को भगवान सूर्य की विशेष कृपा प्राप्त होती है।  


........................................................................................................
शिव चालीसा

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

भगवत गीता चालीसा ( Bhagwat Geeta Chalisa )

प्रथमहिं गुरुको शीश नवाऊँ | हरिचरणों में ध्यान लगाऊँ ||१||

भोले शंकर मैं तुम्हारा, लगता नहीं कोई (Bhole Shankar Main Tumhara Lagta Nahi Koi)

भोले शंकर मैं तुम्हारा,
लगता नहीं कोई,

चैत्र मास में करें ये उपाय

चैत्र माह की शुरुआत 15 मार्च से हो रही है। यह हिंदू पंचांग का पहला महीना है, जिसका धार्मिक और आध्यात्मिक रूप से बहुत महत्व है। इस मास में की गई पूजा, व्रत और दान-पुण्य का प्रभाव संपूर्ण वर्ष पर पड़ता है। इसके अलावा मान्यता है कि इस माह में कुछ विशेष उपाय करने से जीवन में सुख-समृद्धि, शांति और सफलता प्राप्त होती है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।