फाल्गुन अमावस्या पर शिववास में करें पूजा

Phalguna Amavasya Yog: फाल्गुन अमावस्या के दिन शिववास योग में करें पूजा, महादेव देंगे मनचाहा फल 



हिंदू धर्म में अपना एक कैलेंडर है, जिसके मुताबिक हर 15 दिन में अमावस्या और 15 दिन बाद पूर्णिमा आती है।  कुछ ही दिनों बाद 27 फरवरी को फाल्गुन महीने की अमावस्या आने वाली है। इस दिन का खास महत्व होता है। माना जाता है कि यह दिन पितरों को समर्पित  है और उन्हें खुश करने के लिए सबसे प्रभावी भी।  लेकिन इस दिन भगवान शिव की भी पूजा की जाती है।  खासकर मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शिव वास योग में  पूजा करना प्रभावी माना जाता है। इस योग में शिव आराधना करने से मनोकामनाएं शीघ्र पूर्ण होती हैं और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है। चलिए लेख के जरिए आपको शिववास योग के बारे में बताते हैं, साथ ही यह भी बताते है कि आप योग में भोलेनाथ की पूजा कैसे कर सकते हैं।


क्यों होता है शिव वास योग?


यह एक विशेष योग है जो  चंद्रमा के कर्क, वृश्चिक या मीन राशि में होने पर बनता है। यह बेहद ही दुर्लभ संयोग माना जाता। इस दौरान भगवान शिव की पूजा करने से जीवन में आध्यात्मिक उन्नति, सुख-समृद्धि और पापों से मुक्ति मिलती है।


कैसे करें शिव वास योग में पूजा?


  1. सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और फिर  साफ वस्त्र पहनें।
  2. मंदिर में जाकर शिवलिंग पर गंगाजल, दूध, दही, शहद और बेलपत्र अर्पित करें।
  3. फिर शिवलिंग का रुद्राभिषेक करें और "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करें।
  4. मंत्रों का जाप करने के बाद शिव चालीसा और महामृत्युंजय मंत्र का पाठ करें। अंत में गरीबों को भोजन कराएं और जरुरतमंदों को दान दें।


शिव वास योग का महत्व 


शिव वास योग सीधे भगवान शिव से जुड़ा हुआ है। इस दौरान भगवान शिव की पूजा करने से पितृ दोष, ग्रह दोष और कालसर्प दोष जैसे दोषों से  मुक्ति मिलती है। इसके अलावा  शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से धन, स्वास्थ्य और मानसिक शांति प्राप्त होती है।  जो लोग आर्थिक तंगी, नौकरी की समस्याओं या विवाह में अड़चन का सामना कर रहे हैं, उन्हें इस दिन शिव पूजा अवश्य करनी चाहिए।

........................................................................................................
भोले के हाथों में, है भक्तो की डोर (Bhole Ke Hatho Mein Hai Bhakto Ki Dor)

भोले के हाथों में,
है भक्तो की डोर,

विजया एकादशी व्रत नियम

विजया एकादशी के दिन व्रती जातकों को कुछ नियमों का पालन करना बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। साथ ही इस दिन क्या करें और क्या करने से बचना चाहिए। इसके बारे में भक्त वत्सल के इस लेख में जानते हैं।

तेरी तुलना किससे करूं माँ(Teri Tulna Kisse Karu Maa)

तेरी तुलना किससे करूँ माँ,
तेरी तुलना किससे करूं माँ,

Hey Bhole Baba Hey Bhandari (हे भोले बाबा हे भंडारी)

हे भोले बाबा हे भंडारी,
नाम जपूँ तेरा,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।