पुष्कर स्नान क्या है

इस जगह पर किया जाता है पुष्कर स्नान, लगातार पांच दिनों तक करने से मिलता है पुण्य लाभ 


सनातन में पुष्कर स्नान का अत्यधिक धार्मिक महत्व है। पुष्कर सरोवर को प्रमुख धार्मिक स्थानों में से एक माना जाता है जिसमें स्नान से विशेष पुण्य फल प्राप्त होते हैं। कार्तिक माह की देवउठनी एकादशी से पुष्कर मेला शुरू होता है। जो पांच दिनों तक चलता है और कार्तिक पूर्णिमा तक जारी रहता है। इस अवधि में पुष्कर सरोवर में स्नान करना पवित्र एवं लाभकारी माना जाता है, विशेष रूप से कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान का महत्व और भी अधिक होता है। इस लेख में हम 2024 के पुष्कर स्नान के समय, विधि और महत्व बता रहे हैं।


पुष्कर स्नान 2024 की तिथि


इस साल पुष्कर का अति विशिष्ट स्नान कार्तिक मास की पूर्णिमा यानी 15 नवंबर 2024 शुक्रवार को किया जाएगा। यह स्नान देवउठनी एकादशी से शुरू हो जाता है जिसमें श्रद्धालु लगातार 05 दिनों तक स्नान करते हैं। ऐसी मान्यता है कि इन दिनों में स्नान से विशेष पुण्य फल प्राप्त होते हैं और यह पुष्कर राजा का आशीर्वाद पाने का एक अनूठा अवसर माना जाता है।


पुष्कर स्नान की विधि


पुष्कर स्नान के दौरान धार्मिक विधि का पालन करना शुभ माना गया है। स्नान की विधि इस प्रकार है। 


  • सरोवर में प्रवेश करने से पहले भगवान ब्रह्मा और देवी सरस्वती का ध्यान करें।
  • जल में प्रवेश कर 03 डुबकी लगाएं। यह पवित्रता और मन शुद्धि का प्रतीक माना जाता है।
  • डुबकी लगाते समय “ॐ नमो भगवते ब्राह्मणे” या “ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः” मंत्र का जाप करें।
  • स्नान के बाद सूर्य देवता को जल अर्पित करें और सूर्य मंत्र का जाप करें।
  • स्नान के पश्चात् इस दिन दान करना भी अत्यंत पुण्यदायी माना जाता है। जरूरतमंदों को सामर्थ्य अनुसार भोजन, वस्त्र, धन इत्यादि का दान अवश्य करें।


कहां पर होता है पुष्कर स्नान? 


बता दें कि पुष्कर स्नान राजस्थान के पुष्कर में स्थित पवित्र सरोवर में किया जाता है। यह सरोवर पूरे भारत के श्रद्धालुओं के लिए एक पवित्र स्थल माना जाता है। कार्तिक पूर्णिमा पर इस सरोवर में स्नान का विशेष महत्व होता है और इसे मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना गया है। पुष्कर मेले के दौरान भगवान ब्रह्मा के मंदिर में उनके विशेष श्रृंगार के साथ पूजा-अर्चना भी होती है। प्रत्येक सुबह ब्रह्मा मंदिर में महाआरती होती है और 101 किलो मेवों का भोग चढ़ाया जाता है। इस समय में सरोवर में स्नान के बाद ब्रह्मा मंदिर के दर्शन करना भी विशेष फलदायी माना गया है।


पुष्कर स्नान का धार्मिक महत्व


हिंदू धर्म में पुष्कर स्नान का महत्व अत्यधिक है। ऐसी मान्यता है कि पुष्कर सरोवर में स्नान करने से समस्त पापों का नाश होता है और साधक मन की शुद्धता प्राप्त करते हैं। इसे मोक्ष प्राप्ति का मार्ग भी माना जाता है और यह कहा गया है कि कार्तिक पूर्णिमा पर इस सरोवर में स्नान से समस्त इच्छाओं की पूर्ति होती है। विशेष रूप से वैवाहिक जीवन में प्रेम बढ़ता है और दान-पुण्य से मनोकामनाओं की पूर्ति भी होती है।



........................................................................................................
उनकी रेहमत का झूमर सजा है (Unki Rehmat Ka Jhoomar Saja Hai)

उनकी रेहमत का झूमर सजा है ।
मुरलीवाले की महफिल सजी है ॥

सोना-चांदी की पूजा विधि

हिंदू धर्म में सोने और चांदी की धातुओं का विशेष महत्व है। सदियों से ये भारतीय घरों का अभिन्न हिस्सा रही हैं। भारतीय संस्कृति में सोना-चांदी को समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

मार्च में मासिक कार्तिगाई कब मनाई जाएगी

मासिक कार्तिगाई दक्षिण भारत में मनाया जाने वाला प्रमुख त्योहार है, जो भगवान मुरुगन को समर्पित होता है। यह त्योहार हर महीने कृतिका नक्षत्र के प्रबल होने वाले दिन मनाया जाता है।

मासिक दुर्गाष्टमी स्तोत्र

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस साल मासिक दुर्गा अष्टमी का पहला व्रत 07 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।