कब लोगे खबर भोले नाथ बड़ी देर भयी ( Kab Loge Khabar Bholenath Badi Der Bhayi)

कब लोगे खबर भोलेनाथ,

बड़ी देर भयी बड़ी देर भयी,

कब लोगे खबर भोले नाथ,

चलते चलते मेरे पग हारे,

कब लोगे खबर भोलेनाथ ॥


आया हूँ में भी द्वार तुम्हारे,

अपनी झोली आज पसारे,

खाली जाऊँ भला मै केसे,

तेरेदर से हे भोलेनाथ,

बड़ी देर भयी बड़ी देर भयी ॥


अंजाना हूँ राह दिखा दो,

अब तो बाबा हाथ बढ़ालो,

मोह माया में भटका मैं प्राणी,

नही पाऊ डगर भोलेनाथ,

बड़ी देर भयी बड़ी देर भयी ॥


भक्तो को जो ठुकरावोगे,

आप बबा पछतावोगे,

खुद तुमको मनाना होगा,

रूठ जाऊँ अगर भोलेनाथ,

बड़ी देर भयी बड़ी देर भयी ॥


कब लोगे खबर भोले नाथ

बड़ी देर भयी बड़ी देर भयी,

कब लोगे खबर भोलेनाथ,

चलते चलते मेरे पग हारे,

कब लोगे खबर भोलेनाथ ॥


........................................................................................................
माघ पूर्णिमा व्रत कथा

सनातन हिंदू धर्म में माघ पूर्णिमा का काफी महत्व है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, माघ पूर्णिमा के दिन किए गए स्नान और दान विशेष फलदायी होता है।

माँ सरस्वती! मुझको नवल उत्थान दो (Mujhko Naval Utthan Do, Maa Saraswati Vardan Do)

मुझको नवल उत्थान दो ।
माँ सरस्वती! वरदान दो ॥

ओ रामजी तेरे भजन ने, बड़ा सुख दीना (O Ram Ji Tere Bhajan Ne Bada Sukh Dina)

ओ रामजी तेरे भजन ने,
बड़ा सुख दीना,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने