घर में पधारो गजानन जी(Ghar Me Padharo Gajanan Ji)

घर में पधारो गजाननजी,

मेरे घर में पधारो

रिद्धि सिद्धि लेके आओ गणराजा,

मेरे घर में पधारो ॥

॥ घर में पधारो गजाननजी ॥


राम जी आना,

लक्ष्मण जी आना

संग में लाना सीता मैया,

मेरे घर में पधारो ॥

॥ घर में पधारो गजाननजी ॥


ब्रम्हा जी आना,

विष्णु जी आना

भोले शशंकर जी को ले आना,

मेरे घर में पधारो ॥

॥ घर में पधारो गजाननजी ॥


लक्ष्मी जी आना,

गौरी जी आना

सरस्वती मैया को ले आना,

मेरे घर में पधारो ॥

॥ घर में पधारो गजाननजी ॥


विघन को हारना,

मंगल करना,

कारज शुभ कर जाना,

मेरे घर में पधारो ॥

॥ घर में पधारो गजाननजी ॥

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फाल्गुन अमावस्या की कथा

फाल्गुन अमावस्या का दिन पितृों को समर्पित होता है। इस दिन उनका पिंडदान करना चाहिए। इस दिन से जुड़ी कई कथाएं भी है।

ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की निर्जला एकादशी (Jyeshth Maas Ki Shukla Paksh Ki Nirjala Ekaadashi)

एक समय महर्षि वेद व्यास जी महाराज युधिष्ठिर के यहाँ संयोग से पहुँच गये। महाराजा युधिष्ठिर ने उनका समुचित आदर किया, अर्घ्य और पाद्य देकर सुन्दर आसन पर बिठाया, षोडशोपचार पूर्वक उनकी पूजा की।

गणेश जी के नाम से भक्तो का, कल्याण होता है (Ganesh Ji Ke Naam Se Bhakto Ka Kalyan Hota Hai)

गणेश जी के नाम से भक्तो का,
कल्याण हमेशा होता है,

Radhe Radhe Japo Chale Aayenge Bihari (राधे जपो चले आएँगे बिहारी)

राधे राधे जपो चले आएँगे बिहारी,
राधे राधे रटो चले आएँगे बिहारी,

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