भगत पुकारे आज मावड़ी(Bhagat Pukare Aaj Mawadi)

भादी मावस है आई,

भक्ता मिल ज्योत जगाई,

चंग मजीरा बाजे आंगणे,

ओ म्हारे चंग मजीरा बाजे आंगणे ॥


चम चम चमकातो मुखडो,

काना में कुंडल हो,

काना में कुंडल हो,

हिवड़ो हरसायो म्हारो,

भला पधारया हो,

भला पधारया हो,

बिंदिया चमके माथा में,

चुड़लो खनके हाथां में,

अमृत बरसे छे म्हारे आंगणे,

ओ दादी अमृत बरसे छे म्हारे आंगणे ॥


गंगा जल झारी थारा,

चरण पखारा हो,

चरण पखारा हो,

उँचे सिंहासन बैठी,

आरती उतारा हो,

आरती उतारा हो,

मेहंदी लगावा थारे,

चुनड़ी ओढावा थाने,

फुलड़ा बरसे छे म्हारे आंगणे,

ओ दादी फुलड़ा बरसे छे म्हारे आंगणे ॥


जो थाने भावे मैया,

भोग लगावा हो,

भोग लगावा हो,

रूच रूच जिमो दादी जी,

परदो लगावा हो,

परदो लगावा हो,

भजन सुनावा थाने,

गाकर रिझावा थाने,

कीर्तन में देखण थाने आंगणे,

ओ दादी कीर्तन में देखण थाने आंगणे ॥


भादी मावस है आई,

भक्ता मिल ज्योत जगाई,

चंग मजीरा बाजे आंगणे,

ओ म्हारे चंग मजीरा बाजे आंगणे ॥

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श्याम ने रंगस्या जी: भजन (Shyam Ne Rangsya Ji)

मेलो फागण को खाटू में चालो,
श्याम ने रंगस्या जी,

मेरी फरियाद सुन भोले(Meri Fariyad Sun Bhole)

मेरी फरियाद सुन भोले,
तेरे दर आया दीवाना,

होलाष्टक के यम-नियम क्या हैं

हिंदू पंचांग के अनुसार होलाष्टक होली से पहले आठ दिनों की एक विशेष अवधि है, जो फाल्गुन शुक्ल अष्टमी से होलिका दहन तक चलती है। इस अवधि के दौरान कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित होता है।

मासिक दुर्गाष्टमी स्तोत्र

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस साल मासिक दुर्गा अष्टमी का पहला व्रत 07 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।

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