शीतला अष्टमी पर बासी भोजन का महत्व

शीतला माता को क्यों लगता है बासी खाने का भोग, इसी पर्व को कहा जाता है बसोड़ा 


शीतला अष्टमी, जिसे बसोड़ा भी कहा जाता है, होली के सात दिन बाद मनाई जाती है। इस दिन माता शीतला को बासी भोजन का भोग अर्पित किया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, शीतला सप्तमी और अष्टमी पर भक्तजन माता की विधिपूर्वक पूजा करते हैं, जबकि अष्टमी तिथि पर व्रत रखा जाता है। इस वर्ष शीतला अष्टमी का व्रत 15 मार्च को मनाया जाएगा। मान्यता है कि इस दिन माता की पूजा करने से भक्त रोगों से सुरक्षित रहते हैं। सप्तमी के दिन ही भोजन तैयार कर लिया जाता है, जिसे अगले दिन माता को भोग स्वरूप अर्पित किया जाता है और प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है।



शीतला अष्टमी पर बासी भोजन का विशेष महत्व


शीतला अष्टमी का पर्व हिंदू धर्म में विशेष स्थान रखता है। यह होली के बाद चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माता शीतला की पूजा की जाती है और बासी भोजन का भोग लगाने की परंपरा है। इस त्योहार को बसोड़ा भी कहा जाता है, क्योंकि इस दिन घरों में चूल्हा जलाना वर्जित होता है और लोग एक दिन पहले बना हुआ भोजन ग्रहण करते हैं।धार्मिक मान्यता के अनुसार, माता शीतला को ठंडा और बासी भोजन अत्यधिक प्रिय है। यही कारण है कि इस दिन हलवा, मीठे चावल, पूरी और अन्य ठंडे पकवान बनाकर माता को अर्पित किए जाते हैं।



क्यों कहते हैं इसे बसोड़ा?


शीतला अष्टमी पर माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है, जिसे बसोड़ा कहा जाता है। इस दिन लोग एक दिन पहले तैयार किया गया भोजन खाते हैं और नया भोजन पकाने से बचते हैं। मान्यता है कि इस परंपरा को निभाने से माता शीतला प्रसन्न होती हैं और घर-परिवार को रोगों से मुक्त करती हैं।



धार्मिक कारण:


  • माता शीतला का प्रिय भोजन: शास्त्रों में उल्लेख है कि माता शीतला को ठंडा और बासी भोजन अधिक प्रिय है।
  • रोगों से मुक्ति: माता शीतला को रोगों की देवी माना जाता है। इस दिन व्रत और पूजा करने से चेचक, खसरा और त्वचा संबंधी रोगों से बचाव होता है।
  • सुख-समृद्धि: जो भक्त शीतला माता का विधिपूर्वक पूजन और व्रत करते हैं, उनके घर में सुख-शांति और समृद्धि बनी रहती है।



वैज्ञानिक कारण:


  • मौसम परिवर्तन: चैत्र का महीना सर्दी और गर्मी के संधिकाल का समय होता है। इस दौरान शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है।
  • पाचन तंत्र को लाभ: एक दिन पहले बना भोजन खाने से पाचन तंत्र को आराम मिलता है, जिससे पेट संबंधी रोगों से बचाव होता है।
  • संक्रमण से बचाव: पुराने समय में बचे हुए खाने को ज्यादा पकाने से संक्रमण फैलने का खतरा रहता था। इसलिए यह परंपरा शुरू हुई कि एक दिन पहले बने भोजन को खाकर बीमारियों से बचा जाए।



शीतला अष्टमी 2025 कब है?


इस साल शीतला अष्टमी का व्रत 22 मार्च 2025, शनिवार को रखा जाएगा। इस दिन माता शीतला का पूजन कर भक्त सुख-समृद्धि और आरोग्य का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।शीतला अष्टमी का पर्व धार्मिक आस्था के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिहाज से भी बेहद महत्वपूर्ण है। इस दिन माता की पूजा करने और बासी भोजन ग्रहण करने से रोगों से बचाव होता है और जीवन में शांति बनी रहती है।



........................................................................................................
माघ गुप्त नवरात्रि धन प्राप्ति उपाय

माघ गुप्‍त नवरात्र‍ि की शुरुआत 30 जनवरी 2025 से हो रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल 2 बार गुप्त नवरात्र का त्योहार मनाया जाता है।

सबसे पहला मनावा, थाने देवा रा सरदार (Sabse Pahle Manaba Thane Deva Ra Sardar)

सबसे पहला मनावा,
थाने देवा रा सरदार,

अगर माँ ने ममता लुटाई ना होती (Agar Maa Ne Mamta Lutai Na Hoti)

अगर माँ ने ममता लुटाई ना होती,
तो ममतामयी माँ कहाई ना होती ॥

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।