विजया एकादशी व्रत नियम

Vijaya Ekadashi Vrat Niyam: विजया एकादशी के दिन व्रती जातक जरूर करें इन नियमों का पालन, जानें क्या करें और क्या न करें



फाल्गुन माह में आने वाली एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस साल विजया एकादशी का व्रत 24 फरवरी को रखा जाएगा। यह व्रत भगवान विष्णु को समर्पित है, और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और घर में सुख-समृद्धि का वास होता है। आपको बता दें, विजया एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके बाद भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा करें। भगवान विष्णु को पीले फूल, फल, धूप, दीप और तुलसी अर्पित करें। फिर विजया एकादशी की कथा पढ़ें या सुनें। इस दिन व्रत रखें और पूरे दिन भगवान विष्णु का ध्यान करें। अगले दिन द्वादशी के दिन व्रत का पारण करें। अब ऐसे में इस दिन कुछ नियमों का पालन करना बेहद जरूरी है। साथ ही इस दिन क्या करना चाहिए और क्या करने से बचना चाहिए। इसके बारे में भी भक्त वत्सल के इस लेख में विस्तार से जानते हैं। 



विजया एकादशी के दिन किन नियमों का करें पालन? 



विजया एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन कुछ विशेष नियमों का पालन करना चाहिए।

  • प्रातः काल उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • विजया एकादशी भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।
  • भगवान विष्णु को पीले फूल, तुलसी के पत्ते, फल और मिठाई अर्पित करें।
  • विजया एकादशी के दिन विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें।
  • विजया एकादशी के पूरे दिन व्रत रखें।
  • उसके बाद शाम को भगवान विष्णु की आरती करें।
  • इस दिम रात में जागरण करना शुभ माना जाता है। 
  • अगले दिन द्वादशी को व्रत का पारण करें।


विजया एकादशी के दिन व्रती जातकों को करें ये काम 


  • विजया एकादशी के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठना चाहिए। यह समय भगवान विष्णु की पूजा के लिए बहुत शुभ माना जाता है।
  • उठने के बाद स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
  • अपने घर के पूजा स्थल को गंगाजल से शुद्ध करें और वहाँ भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र स्थापित करें।
  • भगवान विष्णु को फूल, फल, धूप, दीप और तुलसी अर्पित करें। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें और उनकी आरती करें।
  • भगवान विष्णु के सामने व्रत का संकल्प लें। आप निर्जल व्रत रख सकते हैं या फिर फलाहार व्रत रख सकते हैं।
  • पूरे दिन भगवान विष्णु का स्मरण करें और उनके मंत्रों का जाप करें।
  • इस दिन दान-पुण्य करने का विशेष महत्व है। 


विजया एकादशी के दिन व्रती जातक भूलकर भी न करें ये काम


  • विजया एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है और व्रत रखा जाता है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से व्यक्ति के सभी संकट दूर होते हैं और उसे विजय प्राप्त होती है। लेकिन इस व्रत को करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए।
  • इस दिन चावल और उससे बनी चीजें नहीं खानी चाहिए।
  • इस दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।
  • इस दिन मांस-मदिरा का सेवन करने से बचना चाहिए। 

........................................................................................................
चैत कृष्ण पापमोचनी एकादशी (Chait Krishna Papamochani Ekadashi)

इतनी कथा सुनकर महाराज युधिष्ठिर बोले हे भगवन् ! आपके श्रीमुख से इन पवित्र कथाओं को सुन मैं कृतकृत्य हो गया।

सुनते सबकी पुकार जी: भजन (Sunte Sabki Pukar Hanuman Ji)

सुनते सबकी पुकार,
जो भी श्रद्धा और प्रेम से है,

श्री संतोषी माता चालीसा (Shri Santoshi Mata Chalisa)

श्री गणपति पद नाय सिर , धरि हिय शारदा ध्यान ।
सन्तोषी मां की करूँ , कीरति सकल बखान ।

सवारिये ने भूलूं न एक घडी(Sanwariye Ne Bhule Naa Ek Ghadi)

पूरन ब्रह्म पूरन ज्ञान
है घाट माई, सो आयो रहा आनन्द

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।