नवीनतम लेख
नवीनतम लेख
महाकुंभ का मेला भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का एक अहम हिस्सा है। इस मेले में नागा साधुओं की उपस्थिति एक अलग ही आकर्षण का केंद्र होती है। ये साधु अपने अद्भुत तप और हठ योग के लिए जाने जाते हैं। कड़ाके की ठंड में भी निर्वस्त्र रहकर ध्यान लगाना और ठंडे पानी से स्नान करना उनके लिए आम बात है।
वहीं प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में एक नागा साधु चर्चा का विषय बने हुए हैं। जो साधु ठंड के मौसम में भी नियमित रूप से ठंडे पानी से स्नान करते हैं। हठ योग के द्वारा इन्होंने अपनी इंद्रियों को इतना वश में कर लिया है कि उन्हें न ठंड परेशान करती है और न ही गर्मी। इनका यह अद्भुत तपस्या लोगों को आश्चर्यचकित करता है। आइए भक्त वत्सल के इस लेख में इस अद्भुत हठयोग वाले साधु के बारे में जानते हैं, जो 61 कलश ठंडे पाने से नहाते हैं।
योग की दृष्टि से देखा जाए तो 'हठ' शब्द का अर्थ अपनी इंद्रियों को संतुलित करना है। 'ह' सूर्य को और 'ठ' चंद्रमा को दर्शाता है। सूर्य ऊर्जा का प्रतीक है जबकि चंद्रमा शीतलता का। हठ योग का अभ्यास शरीर में इन दोनों ऊर्जो के बीच संतुलन स्थापित करने के लिए किया जाता है।
आजकल लोग हठ योग को बलपूर्वक इंद्रियों को वश में करने के रूप में देखते हैं, लेकिन यह केवल एक पहलू है। वास्तव में, हठ योग एक कठिन प्रक्रिया है जो शरीर, मन और आत्मा को एकीकृत करती है। इस मार्ग पर चलने के लिए आसन, प्राणायाम, धारणा, ध्यान और समाधि जैसे विभिन्न स्तरों से गुजरना होता है।
नागा साधुओं को देखकर अक्सर यह भ्रम होता है कि हठ योग केवल इंद्रियों पर नियंत्रण पाने के लिए किया जाता है। लेकिन हठ योग का वास्तविक उद्देश्य आत्मसाक्षात्कार यानी कि अपने आत्मा को शुद्ध करना और मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करना ।
एक ऐसे नागा साधु हैं, जिन्होंने अपनी तपस्या से सभी को चकित कर दिया है। वे प्रतिदिन सुबह 4 बजे ठंडे पानी से स्नान करते हैं और सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि हर दिन स्नान के लिए उपयोग किए जाने वाले घड़ों की संख्या बढ़ती जाती है। उन्होंने 51 घड़ों से स्नान करना शुरू किया था और यह संख्या लगातार बढ़कर 108 तक पहुंच जाएगी। वहीं 7 जनवरी को उन्होंने 61 घड़ों से स्नान किया था।
यह तपस्या महज दिखावा नहीं है, बल्कि गहन आध्यात्मिक अनुभव है। नागा साधु का कहना है कि उन्हें यह दीक्षा उनके गुरु द्वारा दी गई है और वे बिना किसी स्वार्थ के मानव कल्याण के लिए यह कठिन कार्य कर रहे हैं। कठोर हठयोग के माध्यम से उन्होंने अपने शरीर को अत्यंत मजबूत बनाया है और सनातन धर्म के उत्थान के लिए समर्पित हैं। वे कहते हैं कि जब भी सनातन धर्म को उनकी आवश्यकता होगी, वे अपने सर्वस्व न्योछावर करने के लिए तैयार रहेंगे।
हठयोग में शरीर के सात चक्रों का उल्लेख मिलता है। ये चक्र शरीर के विभिन्न हिस्सों में स्थित होते हैं और इनमें ऊर्जा केंद्र होते हैं। हठयोग के अभ्यासों से इन चक्रों को शुद्ध किया जा सकता है और शरीर में ऊर्जा का प्रवाह सुचारू रूप से बना रहता है। यह आध्यात्मिक विकास के लिए आवश्यक है। इतना ही नहीं, हठयोग के नियमित अभ्यास से साधक मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है।
'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।
श्रीपद्मनाभस्वामी मंदिर, केरल, तिरूअनंतपुरम (Shri Padmanabhaswamy Mandir, Kerala, Thiruvananthapuram)
श्रीसोमेश्वर स्वामी मंदिर(सोमनाथ मंदिर), गुजरात (Shri Someshwara Swamy Temple (Somnath Temple), Gujarat)
ॐकारेश्वर महादेव मंदिर, ओमकारेश्वर, मध्यप्रदेश (Omkareshwar Mahadev Temple, Omkareshwar, Madhya Pradesh)
श्री रंगनाथस्वामी मंदिर - नेल्लोर, आंध्र प्रदेश (Sri Ranganadha swamI Temple - Nellore, Andhra Pradesh)
यागंती उमा महेश्वर मंदिर- आंध्र प्रदेश, कुरनूल (Yaganti Uma Maheshwara Temple- Andhra Pradesh, Kurnool)
श्री सोमेश्वर जनार्दन स्वामी मंदिर- आंध्र प्रदेश (Sri Someshwara Janardhana Swamy Temple- Andhra Pradesh)
Shri Sthaneshwar Mahadev Temple, Thanesar, Kurukshetra (स्थानेश्वर महादेव मंदिर, थानेसर, कुरुक्षेत्र)
अरुल्मिगु धनदायूंथापनी मंदिर, पलानी, तमिलनाडु (Arulmigu Dhandayunthapani Temple, Palani, Tamil Nadu)
गोमटेश्वर बाहुबली मंदिर, श्रवणबेलगोला, कर्नाटक (Gommateshwara Bahubali Temple, Shravanabelagola, Karnataka)
श्री श्री राधा गोपीनाथ मंदिर इस्कॉन चौपाटी मुंबई (Sri Sri Radha Gopinath Temple, ISKCON Chowpatty, Mumbai)
TH 75A, New Town Heights, Sector 86 Gurgaon, Haryana 122004
Our Services
Copyright © 2024 Bhakt Vatsal Media Pvt. Ltd. All Right Reserved. Design and Developed by Netking Technologies