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इस बार के श्रावण महीने के तीन सोमवार बीत चुके हैं। 12 अगस्त को श्रावण 2024 का चौथा सोमवार है जो बहुत ख़ास होने वाला है। इस सोमवार पर कई शुभ योग और दो दुर्लभ नक्षत्रों का निर्माण हो रहा है। यह योग और नक्षत्र मनुष्य के जीवन के हर कष्टों का अंत कर सकते है जिसके लिए आपको भगवान शिव की विधिवत पूजन और व्रत करना होगा तो चलिए जानते है श्रावण 2024 के चौथे सोमवार में आखिर कौनसे शक्तिशाली योग एवं नक्षत्र बन रहे है और कैसे हम महादेव की अराधना और व्रत कर अपने मानसिक, आर्थिक और शारीरक कष्ट को दूर कर सकते हैं ...
शुक्ल योग भारतीय ज्योतिष में एक प्रमुख शुभ योग है। शुक्ल योग एक दिन की शुभता को दर्शाता है। इस योग का प्रभाव उन कार्यों पर सकारात्मक होता है जिन्हें प्रारंभ करने के लिए शुभ माना जाता है। जैसे कि नए व्यवसाय की शुरुआत, संपत्ति की खरीदारी, या अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों को लेकर किए गए प्रयास सफल हो सकते हैं। शुक्ल योग के दौरान भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से फलदायी होती है। इस योग में पूजा करने से व्यक्ति को मानसिक शांति और आध्यात्मिक उन्नति प्राप्त हो सकती है। इस सोमवार यह योग शाम 4:26 तक बना रहेगा।
ब्रह्म योग एक अत्यंत शुभ योग है, जो ब्रह्मदेव के नाम पर है। यह योग विशेष रूप से उस समय बनता है जब सभी प्रमुख ग्रह शुभ स्थान पर होते हैं। ब्रह्म योग का प्रभाव व्यक्ति के जीवन में स्थिरता और विकास लाने वाला होता है। इस योग के दौरान किए गए कार्यों में सफलता की संभावनाएँ बढ़ जाती हैं और इस समय किए गए निर्णय दीर्घकालिक लाभकारी साबित हो सकते हैं। इस योग का प्रभाव धार्मिक कार्यों, साधना, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए लाभकारी होता है। यह योग विशेष रूप से पूजा और अनुष्ठानों के लिए एक उत्तम समय प्रदान करता है। इस बार श्रावण के चौथे सोमवार में यह योग पूरे दिन रहेगा।
स्वाती नक्षत्र चंद्रमा को राहु का नक्षत्र माना जाता है। यह नक्षत्र विशिष्ट गुणों और प्रभावों के लिए जाना जाता है। स्वाती नक्षत्र का प्रभाव यात्रा और शिक्षा पर सबसे शुभ होता है। यह नक्षत्र विशेष रूप से शैक्षिक प्रयासों के लिए लाभकारी माना जाता है। स्वाती नक्षत्र के दौरान भगवान शिव का व्रत करना विशेष रूप से लाभकारी होता है। यह योग इस सोमवार महज सुबह 8:33 तक रहेगा। इस नक्षत्र में व्यक्ति की सोच और निर्णय क्षमता भी बेहतर होती है, जिससे जीवन में सकारात्मक बदलाव आ सकते हैं।
विशाखा नक्षत्र विशेष रूप से मंगल के प्रभाव में होता है। विशाखा नक्षत्र का प्रभाव सामाजिक क्षेत्रों में शुभ होता है। यह नक्षत्र प्रगति, सफलता, और विकास के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। मंगल के प्रभाव में होने के कारण इस योग के दौरान आपको भगवान श्री हनुमान की पूजा करनी चाहिए। सावन सोमवार होने की वजह से आपको भगवान शिव के साथ हनुमान जी की भी अराधना करनी चाहिए और व्रत रखना चाहिए। यह योग भी इस बार पूरे दिन रहेगा।
सावन सोमवार व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान-ध्यान करें और भगवान शिव को प्रणाम करें। इसके बाद पूजा स्थल पर महादेव को गंध, पुष्प, धूप, दीप इत्यादि अर्पित करें और शिवालय में शिवलिंग पर जल और दूध अर्पित करें। इसके साथ बेलपत्र और भांग-धतूरा इत्यादी भी महादेव को चढ़ाएं। सुबह के समय या प्रदोष काल में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें और पंचामृत अर्थात दूध, दही, शक्कर, घी और शहद से भगवान शिव का अभिषेक करें। पूजा के दौरान महामृत्युंजय मंत्र का निरंतर जाप करते रहें और अभिषेक के साथ शिव चालीसा व शिव तांडव स्तोत्र का भी पाठ करें। पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती के साथ पूजा संपन्न करें।
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