मंत्र क्या होते हैं

मंत्र का अर्थ क्या होता है, पूजा जाप में क्यों किया जाता है इनका उपयोग 


शास्त्रकार कहते हैं “मननात् त्रायते इति मंत्रः” अर्थात मनन करने पर जो त्राण दे या रक्षा करे वही मंत्र होता है। धर्म, कर्म और मोक्ष की प्राप्ति हेतु प्रेरणा देने वाली शक्ति को मंत्र कहते हैं। तंत्रानुसार देवता के सूक्ष्म शरीर को या इष्टदेव की कृपा को भी मंत्र कहते हैं। दिव्य-शक्तियों की कृपा को प्राप्त करने में उपयोगी शब्द शक्ति को 'मंत्र' कहते हैं। ये मंत्र हमारे भीतर छिपी अदृश्य शक्तियों को जागृत कर सकते हैं। इसलिए, अपने अंतर्मन की अदृश्य और गुप्त शक्ति को जागृत करके अपने अनुकूल बनाने वाली विधा को ही मंत्र कहा जाता है। आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं। 

मंत्र का अर्थ अनंत होता है 


मंत्र चेतना के आवेग या लय हैं। वे आत्मा में कंपन पैदा करते हैं। उनके प्रभाव, विधि और कार्य करने का तरीका सभी एक रहस्य हैं। मंत्र वह है, जिससे आप जन्म और मृत्यु के चक्र से तर जाते हैं। मंत्र आपको अपनी चिंताओं से मुक्त करने में मदद करते हैं। कई बार हमें आश्चर्य होता है कि हम मन्त्रों का अर्थ समझे बिना कुछ ध्वनियों का जप करते हैं। मान्यता है कि हमारी समझ से परे कुछ हमारी सहायता कर सकता है? हर मंत्र का अर्थ अनंत है। मन्त्र ध्वनि, मन के ज्ञान से परे एक कंपन है। जब मन अनुभूति करने में असमर्थ होता है तो वह बस विलीन हो जाता है और ध्यानस्थ अवस्था में चला जाता है।

एक रहस्य है मंत्र 


आपके अवचेतन मन को सचेत करता है। मंत्र चेतना के स्तर पर काम करते हैं। जब हम चाहते हैं कि बीज अंकुरित हो तो इसे मिट्टी में छिपा कर बोते हैं। यदि बीज बस चारों ओर फेंक दिया जाता है तो पक्षी उन्हें खा सकते हैं। इसी तरह हम किताबों और इंटरनेट से मंत्रों और उनके उपयोग के बारे में पढ़ और सीख सकते हैं उससे यह केवल हमारी बुद्धि को संतुष्ट कर सकता है लेकिन उसे हम विधि पूर्वक इस्तेमाल में नहीं  ला सकते। हालांकि, सिर्फ मन्त्रों को सुनना और उन्हें पढ़कर उनका जप करना भी हमें ध्यान के एक नए आयाम में पहुंचा देता है।

मंत्रों की उत्पत्ति और महत्व


जब हम इतिहास कुरेदते हैं तो पाते हैं कि वास्तव में मंत्रों की जड़ें भारत से बहुत दूर तक फैली हुई हैं। जो किसी कल्पना से भी कहीं अधिक गहरी हैं। दुनिया भर की संस्कृतियों ने चेतना को प्रभावित करने, भावनाओं को जगाने और ब्रह्मांड की अदृश्य शक्तियों से जुड़ने के लिए ध्वनि की शक्ति को पहचाना है। अब, अगर हम विशेष रूप से हिंदू धर्म के बारे में बात कर रहे हैं, तो आप पाएंगे कि मंत्रों की परंपरा वैदिक युग के दौरान भी मौजूद है, जो हजारों लाखों साल पहले की है।  

मंत्र जाप के बाद क्यों छिड़का जाता है जल?


ऐसा माना जाता है कि मंत्र जाप के बाद जो जल छिड़का जाता है उससे हमारी पूजा देवताओं तक पहुंच जाती है। इससे देवताओं को बल मिलता है। ऐसे में मंत्र जाप अगर किसी इच्छा पूर्ति के लिए किया जाए तो और जल का छिड़काव किया जाए तो इसमें देवता भी सहयोगी बन जाते हैं।
 

वैदिक ग्रंथों में हैं मंत्र 


आपको हिंदू धर्म के सबसे पुराने पवित्र ग्रंथों - वेदों में भी मंत्रों का उल्लेख मिलेगा। इन मंत्रों का इस्तेमाल हिंदू देवताओं का आह्वान करने, आशीर्वाद मांगने और बहुत कुछ करने के लिए किया जाता था उनमें से कई अभी भी किए जाते हैं। इसलिए, बिना किसी सवाल के मंत्र हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। आखिरकार, इनका उपयोग लगभग हर स्थान और प्रकरण में किया ही जाता है।

........................................................................................................
कजरी तीज 2024 (Kajari Teej 2024)

मां पार्वती शिव को वर के रूप में पाने के लिए रखा था कजरी तीज का व्रत, सुहाग की रक्षा और संतान प्राप्ति के लिए रखा जाता है

श्री नवग्रह चालीसा (Shri Navgraha Chalisa)

श्री गणपति गुरुपद कमल, प्रेम सहित सिरनाय ।
नवग्रह चालीसा कहत, शारद होत सहाय ॥

गणेश जयंती के उपाय

प्रत्येक वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती मनाई जाती है। इसे विनायक जयंती अथवा वरद जयंती के नाम से भी जाना जाता है।

मत बरसो इन्दर राज (Mat Barso Inder Raj)

अजी मत बरसो इन्दर राज,
या जग सेठाणी भीजे,

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने