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झूला पड्यो है कदम्ब की डार, झुलावे ब्रज नारी,
बम भोले बम भोले कैलाश का वासी, बम भोले
झूम उठा दिल देख नजारा, उस सालासर धाम का,
काले काले बदरा, घिर घिर आ रहे है,
झोली भर लो भक्तो दौलत बरसे भोले के दरबार,
कर लूँगा दो-दो बात मैं, उस काल के आगे,
जगदम्बे भवानी माँ, तुम कुलदेवी मेरी,
ज्योति कलश छलके ज्योति कलश छलके
जगदम्बा के दीवानो को, दरश चाहिए, दरश चाहिए,
जगत के सर पर जिनका हाथ, वही है अपने भोले नाथ,