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काशी में कैलाशी (Kaashi Mein Kailashi)

बम भोले बम भोले

कैलाश का वासी, बम भोले

मिलता है जो काशी, बम भोले

धमारू पर नाचे झूम-झूम

कर दूर उदासी, बम भोले


मन का भोला मेरे भोले नाथ

लगता सुंदर गौरा के साथ

दुनिया के पालक हारी


मेरा भोला नाथ भोला भंडारी

करता है नंदी की सवारी

जटा से निकले गंगा प्यारी

भोला नाथ भोला भंडारी


भोला नाथ भोला भंडारी

जटा से निकले गंगा प्यारी


पूजती है जिनको दुनिया ये सारी

नाम पुकारे कहे त्रिपुरारी

माथे पे चंदा है भस्म लगाये

नागो के माला गले में है प्यारी


करते हैं सबके मन में वास

जितने अघोरी इनके दास

मेरे नीलकंठ विषधारी


मेरा भोले नाथ भोला भंडारी

करता है नंदी की सवारी

जटा से निकले गंगा प्यारी

भोला नाथ भोला भंडारी

हर हर महादेव


देवो के देवा अजब तेरी माया

जटाधारी तू गंगा धारी कहलाया

या भष्मासुर को भस्म तूने भोले

उठा तू भयानक जब उसने मचाया


मेरे दिल में जगी तेरी प्यास प्यास

है रघुवर हर सांस सांस

हनुमान सुमिर पुजारी


मेरा भोलेनाथ भोला भंडारी

करता है नंदिकी की सवारी

जटा से निकले गंगा प्यारी

भोला नाथ भोला बन्दरी


ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय

ॐ नमः शिवाय


कामधेनु गाय की पूजा कैसे करें?

कामधेनु एक दिव्य गाय है, जिसे सभी इच्छाओं को पूर्ण करने वाली माना जाता है। समुद्र मंथन के दौरान निकले चौदह रत्नों में से एक, कामधेनु को देवताओं और दानवों दोनों ने ही पाने की इच्छा रखी थी।

क्या है वैदिक मंत्र?

दिक मंत्र सदियों से सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म का अभिन्न हिस्सा रहा हैं। ये मंत्र प्राचीन वैदिक साहित्य से उत्पन्न हुए हैं और इनका उल्लेख वेदों, उपनिषदों और अन्य धर्मग्रंथों में भी मिलता है।

बना दे बिगड़ी बात, मेरे खाटू वाले श्याम (Bana De Bidagi Baat Mere Khatu Wale Shyam)

बना दे बिगड़ी बात,
मेरे खाटू वाले श्याम,

माघ महीने में कब और क्यों मनाई जाती है कुंभ संक्रांति?

आत्मा के कारक सूर्य देव हर महीने एक राशि से दूसरी राशि में संक्रमण करते हैं। सूर्य देव के इस राशि परिवर्तन को ही संक्रांति कहते हैं। हर संक्रांति का अपना खास महत्व होता है और इसे धूमधाम से मनाया जाता है।

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