नवीनतम लेख

जो विधि कर्म में लिखे विधाता (Jo Vidhi Karam Me Likha Vidhata)

जो विधि कर्म में लिखे विधाता,

मिटाने वाला कोई नहीं,

वक्त पड़े पर गजभर कपड़ा,

देने वाला कोई नहीं ॥


वक्त पड़ा राजा हरीशचंद्र पे,

काशी जो बिके भाई,

रोहित दास को डसियो सर्प ने,

रोती थी उसकी माई ll

उसी समय रोहित को देखो,

बचाने वाला कोई नहीं,

वक्त पड़े पर गजभर कपड़ा,

देने वाला कोई नहीं ॥


जो विधि कर्म में लिखे विधाता,

मिटाने वाला कोई नहीं,

वक्त पड़े पर गजभर कपड़ा,

देने वाला कोई नहीं ॥


वक्त पड़ा देखो रामचंद्र पे,

वन को गए दोनों भाई,

राम गए और लखन गए थे,

साथ गई सीता माई ll

वन में हरण हुआ सीता का,

बचाने वाला कोई नहीं,

वक्त पड़े पर गजभर कपड़ा,

देने वाला कोई नहीं ॥


जो विधि कर्म में लिखे विधाता,

मिटाने वाला कोई नहीं,

वक्त पड़े पर गजभर कपड़ा,

देने वाला कोई नहीं ॥


वक्त पड़ा अंधी अंधों पे,

वन में सरवण मरन हुआ,

सुन करके सुत का मरना फिर,

उन दोनों का मरन हुआ ll

उसी श्राप से दशरथ मर गए,

जलाने वाला कोई नहीं,

वक्त पड़े पर गजभर कपड़ा,

देने वाला कोई नहीं ॥


जो विधि कर्म में लिखे विधाता,

मिटाने वाला कोई नहीं,

वक्त पड़े पर गजभर कपड़ा,

देने वाला कोई नहीं ॥

हे रोम रोम मे बसने वाले राम(Hey Rom Rom Main Basne Wale Ram)

हे रोम रोम मे बसने वाले राम
जगत के स्वामी, हे अन्तर्यामी,

राधे राधे कहिए लगदे नहीं रुपये(Radhe Radhe Kahiye Lagde Nahi Rupaiye )

राधे राधे कहिए
लगदे नहीं रुपये

विनायक चतुर्थी शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

भगवान गणेश को प्रथम पूज्य माना जाता है। विनायक चतुर्थी, उन्हीं को समर्पित एक त्योहार है। यह फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है।

शबरी जयंती पर इन चीजों का लगाएं भोग

सनातन धर्म में फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि पर शबरी जयंती मनाई जाती है। इस दिन व्रत और पूजन का विधान है। इस दिन भगवान राम के साथ माता शबरी का पूजन किया जाता है।