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हाय नजर ना लग जाये(Najar Naa Lag Jaye)

ओ मोटे मोटे नैनन के तू ,

ओ मीठे मीठे बैनन के तू

साँवरी सलोनी सूरत के तू ,

ओ प्यारी प्यारी मूरत के तू ।

ओ कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,

हाय नजर ना लग जाये,

बाँके-बिहारी कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,

हाय नजर ना लग जाये ॥


काजल की कोरे - ओय होय होय,

मेरा जिगर मरोड़े - ओय होय होय,

रंग रस में भोरे - ओय होय होय,

मै तो हारी रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,

हाय नजर ना लग जाये ॥


आँखों का काजल - ओय होय होय,

मेरा जिगर है घायल - ओय होय होय,

तेरे प्यार में पागल - ओय होय होय,

कर डारि रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,

हाय नजर ना लग जाये ॥


तेरे मुकुट की लटकन - ओय होय होय,

तेरे अधर की मुस्कन - ओय होय होय,

गिरवह की मटकन - ओय होय होय,

बलिहारी रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन,

हाय नजर ना लग जाये ॥


तेरी प्रीत है टेडी - ओय होय होय,

तेरी रीत है टेडी - ओय होय होय,

तेरी जीत है टेडी - ओय होय होय,

मै तो हारी रे कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन

हाय नजर ना लग जाये ॥


बाँके-बिहारी कजरारे मोटे मोटे तेरे नैन

हाय नजर ना लग जाये - ओय होए होय

ओय नजर ना लग जाये - ओय होए होय

हाय नजर ना लग जाये - ओय होए होय

मैं भोला पर्वत का - शिव भजन (Main Bhola Parvat Ka)

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हे विनय विनायक विनती करा(Hey Vinay Vinayak Vinati Kara)

हे विनय विनायक विनती करा
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क्यों मनाई जाती है गोपाष्टमी, जानिए पूजा विधि

गोपाष्टमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान कृष्ण के गौ-पालन और लीलाओं की याद दिलाता हैं। गोपाष्टमी दो शब्दों से मिलकर बना है, जिसमें गोप का अर्थ है "गायों का पालन करने वाला" या "गोपाल" और अष्टमी का अर्थ हैं अष्टमी तिथि या आठवां दिन।

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