नवीनतम लेख

मैंने रटना लगाई रे, राधा तेरे नाम की (Maine Ratna Lagai Re Radha Tere Naam Ki)

मैंने रटना लगाई रे,

राधा तेरे नाम की,

मैंने मेहंदी लगाई रे,

राधा तेरे नाम की,

श्री राधा तेरे नाम की,

किशोरी तेरे नाम की,

मैंने मेहंदी लगाई रे,

राधा तेरे नाम की ॥


मेरी अलकों में राधा,

मेरी पलकों में राधा,

मैंने बिंदिया लगाई रे,

राधा तेरे नाम की,

श्री राधा तेरे नाम की,

किशोरी तेरे नाम की,

मैंने मेहंदी लगाई रे,

राधा तेरे नाम की ॥


मेरी चुनरी में राधा,

मेरी दुलरी में राधा,

मैंने चूड़ी खनकाई रे,

राधा तेरे नाम की,

श्री राधा तेरे नाम की,

किशोरी तेरे नाम की,

मैंने मेहंदी लगाई रे,

राधा तेरे नाम की ॥


मेरे नैनो राधा,

मेरे बैनो में राधा,

मैंने पायल छनकाई रे,

राधा तेरे नाम की,

श्री राधा तेरे नाम की,

किशोरी तेरे नाम की,

मैंने मेहंदी लगाई रे,

राधा तेरे नाम की ॥


मेरे अंग अंग राधा,

मेरे संग संग राधा,

गोपाल बंसी बजाई रे,

राधा तेरे नाम की,

श्री राधा तेरे नाम की,

किशोरी तेरे नाम की,

मैंने मेहंदी लगाई रे,

राधा तेरे नाम की ॥


मैंने रटना लगाई रे,

राधा तेरे नाम की,

मैंने मेहंदी लगाई रे,

राधा तेरे नाम की,

श्री राधा तेरे नाम की,

किशोरी तेरे नाम की,

मैंने मेहंदी लगाई रे,

राधा तेरे नाम की ॥


ब्रज होली की पौराणिक कथा

होली का नाम सुनते ही हमारे मन में रंगों की खुशबू, उत्साह और व्यंजनों की खुशबू बस जाती है। यह भारत के सबसे पुराने और सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, लेकिन इसकी उत्पत्ति के बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं है। हालांकि, होली से जुड़ी कई किंवदंतियां हैं।

मुंडन संस्कार पूजा विधि

मुंडन संस्कार हिंदू धर्म के सबसे पवित्र संस्कारों में से एक हैं। इसे बच्चे के जन्म के एक निश्चित समय बाद पूरा किया जाना होता है। यह संस्कार बच्चे के जीवन में एक नया चरण शुरू करने का प्रतीक होता है।

जय रघुनन्दन, जय सिया राम (Jai Raghunandan Jai Siya Ram Bhajan)

जय रघुनन्दन, जय सिया राम ।
भजमन प्यारे, जय सिया राम ।

रंग पंचमी पर किसकी पूजा करें

रंग पंचमी भारत के विभिन्न हिस्सों में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। यह पर्व होली के ठीक पाँच दिन बाद आता है और इस दिन विशेष रूप से देवी-देवताओं की पूजा-अर्चना की जाती है।