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मेरा मिलन करा दों श्री राम से (Mera Milan Kara Do Shree Ram Se)

सागर सागर पार से सिया का,

समाचार लाने वाले,

हनुमान जी तुम,

राम जी के काम आने वाले,

मैंने बोला है प्रसाद तेरे नाम से,

मेरा मिलन करा दो श्री राम से,

मेरा मिलन करा दों श्री राम से ॥


हे सिया राम के प्यारे,

इक जोगन तुम्हे पुकारे,

विश्वास हैं मेरा प्रियतम,

मिल जाए तुम्हारे द्वारे,

संकट मोचन संकट हर दो,

मंगल के दिल मंगल कर दो,

खाली हाथ ना लौटूँगा मैं,

तेरे धाम से,

मेरा मिलन करा दों श्री राम से,

मेरा मिलन करा दों श्री राम से ॥


वो माने या ना माने,

मैंने मान लिया उसे अपना,

वही मेरा जीवन साथी,

वही मेरे प्राण का सपना,

बिछड़े मीत मिलाने वाले,

सबका काज बनाने वाले,

बड़ी आस लेके आया हूँ,

मैं राम से,

मेरा मिलन करा दों श्री राम से,

मेरा मिलन करा दों श्री राम से ॥


मंगल मूरत मारुती नंदन,

सकल मूल निकंदन,

दुनियाँ के नायक रघुनायक,

दशरथ कौशल्या के नंदन,

चारों जग प्रताप तुम्हारा,

है प्रसिद्ध जगत उजियारा,

गुरु बृजमोहन,

देवेंद्र भी लग जाए काम से,

मेरा मिलन करा दों श्री राम से,

मेरा मिलन करा दों श्री राम से ॥


सागर सागर पार से सिया का,

समाचार लाने वाले,

हनुमान जी तुम,

राम जी के काम आने वाले,

मैंने बोला है प्रसाद तेरे नाम से,

मेरा मिलन करा दो श्री राम से,

मेरा मिलन करा दों श्री राम से ॥

जरा इतना बता दे कान्हा, कि तेरा रंग काला क्यों - भजन (Jara Etna Bata De Kanha Tera Rang Kala Kyo)

जरा इतना बता दे कान्हा,
कि तेरा रंग काला क्यों ।

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हें (Sabse Pahle Gajanan Manaya Tumhe)

सबसे पहले गजानन मनाया तुम्हे,
तेरा सुमिरण करे आज आ जाइये,

कब है रुक्मिणी अष्टमी?

हिंदू धर्म में पौष मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रुक्मिणी अष्टमी के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भगवान श्री कृष्ण की पत्नी देवी रुक्मिणी को समर्पित है, जिन्हें माता लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार, रुक्मिणी अष्टमी पर ही द्वापर युग में विदर्भ के महाराज भीष्मक के यहां देवी रुक्मिणी जन्मी थीं।

बोली गौरी सुनो भोला, बात मेरी ध्यान से सुनलो (Boli Gaura Suno Bhola Baat Meri Dhyan Se Sunlo)

बोली गौरी सुनो भोला,
बात मेरी ध्यान से सुनलो,