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जगदम्बा के दीवानो को, दरश चाहिए (Jagdamba Ke Deewano Ko Daras Chahiye)

जगदम्बा के दीवानो को,

दरश चाहिए, दरश चाहिए,

हमें माँ तेरी एक,

झलक चाहिए, झलक चाहिए ॥


दया और ममता का मंदिर है तू,

तुझे क्या पता कितनी सूंदर है तू,

गुलाबों के माँ जैसा मन है तेरा,

हमे माँ तेरे जैसा मन चाहिए,

जगदम्बा के दीवानों को,

दरश चाहिए, दरश चाहिए ॥


तेरा रूप सबसे सुहाना लगे,

बिना भक्ति के जी कही ना लगे,

माँ भक्ति में तेरे हम डूबे रहे,

हमें ऐसा तुझसे माँ वर चाहिए,

जगदम्बा के दीवानों को,

दरश चाहिए, दरश चाहिए ॥


कई दैत्य तुमने पछाड़े है माँ,

तेरा शेर रण में दहाड़े है माँ,

तू काली नवदुर्गा तू ज्वाला है माँ,

हमे माँ तेरी ही शरण चाहिए,

जगदम्बा के दीवानों को,

दरश चाहिए, दरश चाहिए ॥


तू पर्वत तू नदियां तू धरती है माँ,

तू पाताल अम्बर सितारों में माँ,

तेरी इन भुजाओं में सृष्टि है माँ,

हमें इन भुजाओं का बल चाहिए,

जगदम्बा के दीवानों को,

दरश चाहिए, दरश चाहिए ॥


जगदम्बा के दीवानो को,

दरश चाहिए, दरश चाहिए,

हमें माँ तेरी एक,

झलक चाहिए, झलक चाहिए ॥

उड़ उड़ जा रे पंछी (Ud Ud Ja Re Panchhi )

उड़ उड़ जा रे पंछी,
मैया से कहियो रे,

कुंभ संक्रांति पूजा-विधि और नियम

जिस तरह सूर्यदेव के मकर राशि में प्रवेश से मकर संक्रांति मनाई जाती है। उसी तरह जिस दिन सूर्यदेव कुंभ राशि में प्रवेश कर सकते हैं, वह दिन कुंभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है।

तुम रूठे रहो मोहन (Tum Ruthe Raho Mohan)

तुम रूठे रहो मोहन,
हम तुम्हे मना लेंगे,

पापमोचनी एकादशी मुहूर्त और पूजा विधि

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, पापमोचनी एकादशी पर भगवान विष्णु की आराधना और व्रत करने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो जाता है और मोक्ष की प्राप्ति करता है।

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