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जगदम्बा के दीवानो को, दरश चाहिए (Jagdamba Ke Deewano Ko Daras Chahiye)

जगदम्बा के दीवानो को,

दरश चाहिए, दरश चाहिए,

हमें माँ तेरी एक,

झलक चाहिए, झलक चाहिए ॥


दया और ममता का मंदिर है तू,

तुझे क्या पता कितनी सूंदर है तू,

गुलाबों के माँ जैसा मन है तेरा,

हमे माँ तेरे जैसा मन चाहिए,

जगदम्बा के दीवानों को,

दरश चाहिए, दरश चाहिए ॥


तेरा रूप सबसे सुहाना लगे,

बिना भक्ति के जी कही ना लगे,

माँ भक्ति में तेरे हम डूबे रहे,

हमें ऐसा तुझसे माँ वर चाहिए,

जगदम्बा के दीवानों को,

दरश चाहिए, दरश चाहिए ॥


कई दैत्य तुमने पछाड़े है माँ,

तेरा शेर रण में दहाड़े है माँ,

तू काली नवदुर्गा तू ज्वाला है माँ,

हमे माँ तेरी ही शरण चाहिए,

जगदम्बा के दीवानों को,

दरश चाहिए, दरश चाहिए ॥


तू पर्वत तू नदियां तू धरती है माँ,

तू पाताल अम्बर सितारों में माँ,

तेरी इन भुजाओं में सृष्टि है माँ,

हमें इन भुजाओं का बल चाहिए,

जगदम्बा के दीवानों को,

दरश चाहिए, दरश चाहिए ॥


जगदम्बा के दीवानो को,

दरश चाहिए, दरश चाहिए,

हमें माँ तेरी एक,

झलक चाहिए, झलक चाहिए ॥

प्रदोष व्रत और इसके प्रकार

प्रदोष व्रत हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और पवित्र व्रत है। इसे भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है। यह व्रत त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है और प्रत्येक वार पर आने वाले प्रदोष व्रत का अपना विशेष महत्व और फल है।

Hey Bhole Baba Hey Bhandari (हे भोले बाबा हे भंडारी)

हे भोले बाबा हे भंडारी,
नाम जपूँ तेरा,

श्री परशुराम चालीसा (Shri Parshuram Chalisa)

श्री गुरु चरण सरोज छवि, निज मन मन्दिर धारि।
सुमरि गजानन शारदा, गहि आशिष त्रिपुरारि।।

मां अन्नपूर्णा चालीसा (Maa Annapurna Chalisa)

विश्वेश्वर पदपदम की रज निज शीश लगाय ।
अन्नपूर्णे, तव सुयश बरनौं कवि मतिलाय ।

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