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मुझ पर भी दया की कर दो नज़र, ऐ श्याम सुंदर. ऐ मुरलीधर ।
मोरी मैया महान, मोरी मईया महान,
महाकाल सो नाम नहीं, और उज्जैन सो कोई धाम,
जो कुछ है सब तोय, तेरा तुझको सौंप दूँ,
मोको कहां ढूंढे रे बंदे, मैं तो तेरे पास में ।
मोहनी मुरति साँवरी सूरति, आइ बसौ इन नैनन में ।
ना मैं जाऊं मथुरा काशी, मेरी इच्छा ना ज़रा सा,
नैना लागे जब मोहन से, नैना को कुछ रास ना आए,
कान्हा मेरी सांसो पे, नाम अपना लिखा लेना,
सीता राम जी प्यारी राजधानी लागे, राजधानी लागे,