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मुझ पर भी दया की कर दो नज़र(Mujh Par Bhi Daya Ki Kardo Najar)

मुझ पर भी दया की कर दो नज़र,

ऐ श्याम सुंदर. ऐ मुरलीधर ।

कुछ दीनों के दुःख की ले लो खबर,

ऐ श्याम सुंदर ऐ मुरलीधर ।

आरत जन तुमको पुकार रहे हैं,

आने की बाट निहार रहे हैं ।

सिर छिपा के यहाँ बैठे नटवर,

ऐ श्याम सुंदर ऐ मुरलीधर ।


मुझ पर भी दया की कर दो नज़र,

ऐ श्याम सुंदर. ऐ मुरलीधर ।


ब्रजबाला व्याकुल रहती है,

ग्वालों की टोली कहती है ।

कब आओगे कान्हा कुँवर बनकर,

ऐ श्याम सुंदर ऐ मुरलीधर ।


मुझ पर भी दया की कर दो नज़र,

ऐ श्याम सुंदर. ऐ मुरलीधर ।


जिस बंसी ने प्रेमप्रकाश किया,

रसदायक रास बिलास किया ।

बज जाए वही बंसी घर-घर,

ऐ श्याम सुंदर ऐ मुरलीधर ।


मुझ पर भी दया की कर दो नज़र,

ऐ श्याम सुंदर. ऐ मुरलीधर ।


बिसरा दो इन्हें या सम्हालो इन्हें,

ठुकरा दो चाहे अपना लो इन्हें ।

दृग बिन्दु हैं आपके पेशे नज़र,

ऐ श्याम सुंदर ऐ मुरलीधर ।


मुझ पर भी दया की कर दो नज़र,

ऐ श्याम सुंदर. ऐ मुरलीधर ।


मुझ पर भी दया की कर दो नज़र,

ऐ श्याम सुंदर. ऐ मुरलीधर ।

कुछ दीनों के दुःख की ले लो खबर,

ऐ श्याम सुंदर ऐ मुरलीधर ।

रक्षाबंधन क्यों मनाते हैं

रक्षाबंधन भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का प्रतीक है। यह पर्व प्रतिवर्ष सावन माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन बहनें पूजा करके अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी सफलता एवं दीर्घायु की कामना करती हैं।

फूल देई, छम्मा देई (Phool Dei, Chamma Dei Geet)

फूल देई, छम्मा देई ।
जतुके दियाला, उतुके सई ॥

गुरु प्रदोष व्रत से होंगे ये लाभ

गुरु प्रदोष व्रत को भगवान शिव की पूजा और विशेष रूप से बृहस्पति देव की कृपा प्राप्त करने के लिए किया जाता है।

भजमन राम चरण सुखदाई (Bhajman Ram Charan Sukhdayi)

भजमन राम चरण सुखदाई,
भजमन राम चरण सुखदाई ॥

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