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मेरी मैया जी कर दो नज़र, ज़िन्दगी मेरी जाए संवर,
मेरी मैया चली, असुवन धारा बही,
कैसे कह दूँ, दुआ बेअसर हो गई,
मेरी माँ अंबे दुर्गे भवानी, किस जगह तेरा जलवा नहीं है,
मेरी लगी शंभू से प्रीत, ये दुनिया क्या जाने,
कन्हैया आजा, आजा बंसी बजैया हारे के साथी कहाते हो श्याम
मेरी झोपड़ी के भाग, आज खुल जाएंगे,
मेरी झोली छोटी पड़ गयी रे, इतना दिया मेरी माता।
मेरी फरियाद सुन भोले, तेरे दर आया दीवाना,
मेरी चुनरी में पड़ गयो दाग री, कैसो चटक रंग डारो,