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मेरी मैया चली, असुवन धारा बही(Meri Maiya Chali Ashuvan Dhara Bahi)

मेरी मैया चली,

असुवन धारा बही,

नौ दिन मैया ने,

बेटो की विपदा हरी,

मेरी मैया चलीं,

असुवन धारा बही ॥


सारे जगत की है महारानी,

भक्तों की श्रद्धा माता ने जानी,

दिल में है खलबली,

असुवन धारा बही,

मेरी मैया चलीं,

असुवन धारा बही ॥


मैया अतिथि बन कर आई,

जगमग दीपक ज्योत जलाई,

सब की बिगड़ी बनी,

असुवन धारा बही,

मेरी मैया चलीं,

असुवन धारा बही ॥


आज विदाई मैया की आई,

भक्तो ने महिमा मैया की गाई,

मन में ज्योत जली,

असुवन धारा बही,

मेरी मैया चलीं,

असुवन धारा बही ॥


दास की विनती सुनलो

सब की अर्जी माँ पूरी करदो,

रेवा के तीर चली,

असुवन धारा बही,

मेरी मैया चलीं,

असुवन धारा बही ॥


मेरी मैया चली,

असुवन धारा बही,

नौ दिन मैया ने,

बेटो की विपदा हरी,

मेरी मैया चलीं,

असुवन धारा बही ॥

माघ गुप्त नवरात्रि में क्या दान करें

सनातन हिंदू धर्म के वैदिक पंचांग के अनुसार, वर्तमान में माघ का पवित्र महीना चल रहा है। इस दौरान पड़ने वाली नवरात्रि को माघ गुप्त नवरात्रि के नाम से जाना जाता है।

फाल्गुन अमावस्या के उपाय

फाल्गुन अमावस्या का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। खासकर पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए इस अमावस्या से बेहतर दिन ही नहीं है। इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण, पिंडदान और श्राद्ध कर्म किए जाते हैं।

गजानंद महाराज पधारो कीर्तन की तैयारी है(Gajanand Maharaj Padharo Kirtan Ki Taiyari Hai)

प्रथम मनाये गणेश के, ध्याऊ शारदा मात,
मात पिता गुरु प्रभु चरण मे, नित्य नमाऊ माथ॥

क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी (Kshama Karo Tum Mere Prabhuji)

क्षमा करो तुम मेरे प्रभुजी,
अब तक के सारे अपराध

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