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मेरी मां को खबर हो गई(Meri Maa Ko Khabar Ho Gayi)

कैसे कह दूँ,

दुआ बेअसर हो गई,

मैं रोया,

मेरी माँ को खबर हो गई,

मैं रोया,

मेरी मां को खबर हो गई ॥


पोंछे आंसू मेरी माँ ने,

बड़े प्यार से,

दिल तो भर आया और,

आँखे नम हो गई,

कैसे कह दूँ,

दुआ बेअसर हो गई,

मैं रोया,

मेरी मां को खबर हो गई ॥


माँ के चरणों को छूकर,

निहाल हो गया,

कुछ ना बोला फिर भी,

माँ को खबर हो गई,

कैसे कह दूँ,

दुआ बेअसर हो गई,

मैं रोया,

मेरी मां को खबर हो गई ॥


पूछा लोगों ने माँ के,

दर से क्या मिल गया,

मैंने बोला मुझे,

जीने की डगर मिल गई,

कैसे कह दूँ,

दुआ बेअसर हो गई,

मैं रोया,

मेरी मां को खबर हो गई ॥


कैसे कह दूँ,

दुआ बेअसर हो गई,

मैं रोया,

मेरी माँ को खबर हो गई,

मैं रोया,

मेरी मां को खबर हो गई ॥

दिवाली व्रत कथा (Diwali Vrat Katha)

एक समय की बात है एक जंगल में एक साहूकार रहता था। उसकी बेटी प्रतिदिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाती थी। जिस पीपल के पेड़ पर वो जल चढ़ाती थी उस पर पर मां लक्ष्मी का वास था।

अप्रैल 2025 व्रत-त्योहार

अप्रैल का महीना वसंत ऋतु की सुंदरता और त्योहारों की धूमधाम के साथ एक विशेष महत्व रखता है। यह माह प्रकृति के रंग-बिरंगे रूप को दर्शाता है। इस समय कई धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व मनाए जाते हैं जो हमारी संस्कृति और परंपराओं को दर्शाते हैं।

द्वारे चलिए मैय्या के द्वारे चलिए

द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए
द्वारे चलिए, मैय्या के द्वारे चलिए

मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे(Mere Ram Rai Tu Santa Ka Sant Tere)

मेरे राम राइ, तूं संता का संत तेरे ॥
तेरे सेवक कउ भउ किछु नाही, जमु नही आवै नेरे ॥

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