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मोहे तो लगन, मेरे खाटू धाम की(Mohe to Lagan Mere Khatu Dham Ki)

ना मैं जाऊं मथुरा काशी,

मेरी इच्छा ना ज़रा सा,

मोहे चाह नहीं,

अब किसी धाम की,

मोहे तो लगन,

मेरे खाटू धाम की,

मोहें तो लगन,

मेरे खाटू धाम की ॥


कष्टों ने घेरा मुझे,

मिला ना सहारा,

हाथ बढ़ाया तूने,

कष्टों से तारा,

तेरे सिवा दुनिया में,

कोई ना हमारा,

मुझ पे सदा ही रहे,

हाथ तुम्हारा,

अब कोई ये बताये,

हम चाहे तो क्या चाहे,

हमें चाह नहीं,

अब किसी काम की,

मोहें तो लगन,

मेरे खाटू धाम की ॥


कुछ नहीं मांगू मैं अब,

किसी और धाम से,

सब कुछ मिला है मुझे,

बाबा तेरे नाम से,

डरता नहीं मैं अब,

किसी अंजाम से,

मुझको पता है अब,

जियूँगा आराम से,

रहूं चरणों के पास,

सदा यही अरदास,

मोहे सुध ही ना रहे,

अब सुबह शाम की,

मोहें तो लगन,

मेरे खाटू धाम की ॥


फागुन का मेला आया,

मन नहीं माना,

हाथ में निशान लेके,

चल पड़ा दीवाना,

चंग नगाड़ा बाजे,

नाचू मैं धमाल में,

भक्तों के संग नाचू,

गाऊं झूमूँ ताल में,

मेरा बाबा है कमाल,

खुश रखता है अपने लाल,

होली खेलेंगे हम,

बाबा तेरे धाम की,

मोहें तो लगन,

मेरे खाटू धाम की ॥


ना मैं जाऊं मथुरा काशी,

मेरी इच्छा ना ज़रा सा,

मोहे चाह नहीं,

अब किसी धाम की,

मोहे तो लगन,

मेरे खाटू धाम की,

मोहें तो लगन,

मेरे खाटू धाम की ॥

मेरी विपदा टाल दो आकर (Meri Vipda Taal Do Aakar)

मेरी विपदा टाल दो आकर,
हे जग जननी माता ॥

हर हाल में खुश रहना (Har Haal Me Khush Rehna)

हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।
हर हाल में खुश रहना, संतो से सीख जाएं ।

यही वो तंत्र है यही वो मंत्र है (Yahi Wo Tantra Hai Yahi Wo Mantra Hai )

बम भोले बम भोले बम बम बम,
यही वो तंत्र है यही वो मंत्र है,

होली पर सभी राशियों के करने वाले विशेष उपाय

होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है, जिसके 8 दिन पहले होलाष्टक तिथि रहती है। आध्यात्मिक ग्रंथों के अनुसार इस समय ब्रह्मांडीय ऊर्जा बहुत अधिक होती है तथा ग्रह अपने स्थान बदलते हैं।

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