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आ जाओ गजानन प्यारे (Aa Jao Gajanan Pyare)

ओ बाबा तेरे भक्त बुलाये,

आ जाओ गजानन प्यारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

अब देर करो ना आ जाओ द्वारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


सब देवन में देव कहाओ,

माँ गौरा के लाल कहाओ,

शिव शंकर संग रिद्धि सिद्धि,

ले आओ द्वार हमारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


भांति भांति के फूल मंगाए,

घर आंगन और द्वार सजाये,

धूप दीप से महके मंडप,

मोदक भोग सजा रे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


घर आकर के फिर नही जाना,

हम सबके मन मे बस जाना,

चाह ‘मुकेश’ की एक ही बाबा,

सभा में रंग बरसा रे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


ओ बाबा तेरे भक्त बुलाये,

आ जाओ गजानन प्यारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

अब देर करो ना आ जाओ द्वारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


मासिक शिवरात्रि की शुभ कथा

मासिक शिवरात्रि का व्रत हर माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को रखा जाता है। यह भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का श्रेष्ठ अवसर माना गया है।

दानी बड़ा ये भोलेनाथ, पूरी करे मन की मुराद (Dani Bada Ye Bholenath Puri Kare Man Ki Murad)

दानी बड़ा ये भोलेनाथ,
पूरी करे मन की मुराद,

उत्पन्ना एकादशी के नियम

उत्पन्ना एकादशी मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण त्योहार है। उत्पन्ना एकादशी की उत्पत्ति का उल्लेख प्राचीन भविष्योत्तर पुराण में मिलता है, जहां भगवान विष्णु और युधिष्ठिर के बीच एक महत्वपूर्ण संवाद में इसका वर्णन किया गया है।

श्री शिवरामाष्टकस्तोत्रम्

शिवहरे शिवराम सखे प्रभो,त्रिविधताप-निवारण हे विभो।
अज जनेश्वर यादव पाहि मां,शिव हरे विजयं कुरू मे वरम्॥

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