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आ जाओ गजानन प्यारे (Aa Jao Gajanan Pyare)

ओ बाबा तेरे भक्त बुलाये,

आ जाओ गजानन प्यारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

अब देर करो ना आ जाओ द्वारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


सब देवन में देव कहाओ,

माँ गौरा के लाल कहाओ,

शिव शंकर संग रिद्धि सिद्धि,

ले आओ द्वार हमारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


भांति भांति के फूल मंगाए,

घर आंगन और द्वार सजाये,

धूप दीप से महके मंडप,

मोदक भोग सजा रे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


घर आकर के फिर नही जाना,

हम सबके मन मे बस जाना,

चाह ‘मुकेश’ की एक ही बाबा,

सभा में रंग बरसा रे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


ओ बाबा तेरे भक्त बुलाये,

आ जाओ गजानन प्यारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

अब देर करो ना आ जाओ द्वारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


मकर संक्रांति पर सूर्य को अर्घ्य कैसे दें

हिंदू धर्म में मकर संक्रांति को सूर्यदेव की उपासना और शनिदोष से मुक्ति के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है। इस दिन सूर्यदेव अपने पुत्र शनिदेव के घर आते हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, साल में 12 संक्रांतियां होती हैं।

हम आये है तेरे द्वार, गिरजा के ललना (Hum Aaye Hai Tere Dwar Girija Ke Lalna)

हम आये है तेरे द्वार,
गिरजा के ललना,

भीष्म अष्टमी कब है, शुभ मुहूर्त एवं योग

माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म अष्टमी मनाई जाती है। कहा जाता है कि इसी दिन बाणों की शय्या पर लेटे भीष्म पितामह ने अपने प्राण त्याग किए थे। इसलिए सनातन धर्म में यह तिथि अत्यंत शुभ मानी गई है।

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