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आ जाओ गजानन प्यारे (Aa Jao Gajanan Pyare)

ओ बाबा तेरे भक्त बुलाये,

आ जाओ गजानन प्यारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

अब देर करो ना आ जाओ द्वारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


सब देवन में देव कहाओ,

माँ गौरा के लाल कहाओ,

शिव शंकर संग रिद्धि सिद्धि,

ले आओ द्वार हमारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


भांति भांति के फूल मंगाए,

घर आंगन और द्वार सजाये,

धूप दीप से महके मंडप,

मोदक भोग सजा रे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


घर आकर के फिर नही जाना,

हम सबके मन मे बस जाना,

चाह ‘मुकेश’ की एक ही बाबा,

सभा में रंग बरसा रे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


ओ बाबा तेरे भक्त बुलाये,

आ जाओ गजानन प्यारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

अब देर करो ना आ जाओ द्वारे,

आ जाओ गजानन प्यारें,

आ जाओ गजानन प्यारें ॥


देव गुरु बृहस्पति की पूजा विधि?

हिंदू धर्म में प्रत्येक दिन किसी न किसी देवता को समर्पित है। उसी प्रकार, गुरुवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति देव का दिन होता है। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से बृहस्पति की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं।

भगवत गीता चालीसा ( Bhagwat Geeta Chalisa )

प्रथमहिं गुरुको शीश नवाऊँ | हरिचरणों में ध्यान लगाऊँ ||१||

अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो (Are Dwarpalo Kanhaiya Se Keh Do)

देखो देखो यह गरीबी, यह गरीबी का हाल,
कृष्ण के दर पे यह विशवास ले के आया हूँ।

मैया के चरणों में, झुकता है संसार (Maiya Ke Charno Me Jhukta Hai Sansar)

मैया के चरणों में,
झुकता है संसार,

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