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आओ विनायक म्हारे, आंगणिये पधारो (Aao Vinayak Mhare Aanganiye Padharo)

आओ विनायक म्हारे,

आंगणिये पधारो,

भक्ता रा कारज सारो जी,

हाँ संवारो जी,

आओं विनायक म्हारे,

आंगणिये पधारो ॥


मूषक रा असवार देवा,

पहला थारो ध्यान धरा,

कीर्तन मांड्यो आंगणे,

बाबा थारो अह्वान करा,

रिद्धि सिद्धि के सागे,

आओ जी,

म्हारे आंगणिये पधारो,

आओं विनायक म्हारे,

आंगणिये पधारो ॥


घृत सिंदूर चढ़ावा थारे,

लड्डुवन भोग लगावा जी,

चन्दन चौक पुरावा ऊँचे,

आसन पे बिठावा जी,

रणत भवन सुथे आवो जी,

म्हारे आंगणिये पधारो,

आओं विनायक म्हारे,

आंगणिये पधारो ॥


पहली पत्रिका भेजी थाने,

बेगा सा थे आओ जी,

आप भी आओ सब देवा ने,

सागे अपने ल्याओ जी,

भगता रा मान बढ़ाओ जी,

म्हारे आंगणिये पधारो,

आओं विनायक म्हारे,

आंगणिये पधारो ॥


आओ विनायक म्हारे,

आंगणिये पधारो,

भक्ता रा कारज सारो जी,

हाँ संवारो जी,

आओं विनायक म्हारे,

आंगणिये पधारो ॥

उगादी त्योहार क्यों मनाया जाता है

उगादि दक्षिण भारत में एक महत्वपूर्ण नववर्ष उत्सव होता है। "उगादि" शब्द संस्कृत के "युग" अर्थात् "युग की शुरुआत" और "आदि" अर्थात् "आरंभ" से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है नए युग का आरंभ।

शनिवार व्रत कथा और महत्व

सनातन हिंदू धर्म में शनिदेव को न्याय का देवता माना गया है। शनिदेव को बहुत जल्दी क्रोध आता है, और इनके क्रोध से सभी बचने की कोशिश करते हैं। माना जाता है कि इनके क्रोध से व्यक्ति पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ता है।

देख लिया संसार हमने देख लिया(Dekh Liya Sansar Hamne Dekh Liya)

देख लिया संसार हमने देख लिया,
सब मतलब के यार हमने देख लिया ।

मेरे घर आया राजा राम जी का प्यारा (Mere Ghar Aaya Raja Ram Ji Ka Pyara)

आज के दिवस की मैं जाऊं बलिहारा,
मेरे घर आया राजा राम जी का प्यारा,

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