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बधाई भजन: बजे कुण्डलपर में बधाई, के नगरी में वीर जन्मे (Badhai Bhajan Baje Kundalpur Me Badayi Nagri Me Veer Janme)

बजे कुण्डलपर में बधाई,

के नगरी में वीर जन्मे, महावीर जी

जागे भाग हैं त्रिशला माँ के,

के त्रिभवन के नाथ जन्मे, महावीर जी


शुभ घडी जनम की आई,

सवरग से देव आये, महावीर जी

तेरा नवन करें मेरु पर

के इंद्र जल भर लाए, महावीर जी


तुझे देवीआं झुलाये पलना,

मन में मगन हो के, महावीर जी

तेरे पलने में हीरे मोती,

के गोरिओं में लाल लटके, महावीर जी


अब ज्योति तेरी जागी

के सूर्य चाँद छिप जाए, महावीर जी

तेरे पिता लुटावें मोहरें

खजाने सारे खुल जाएंगे, महावीर जी


हम दरश को तेरे आए

के पाप सब काट जाएंगे, महावीर जी

बजे कुण्डलपर में बधाई,

के नगरी में वीर जन्मे, महावीर जी


गजानन आ जाओ एक बार (Gajanan Aa Jao Ek Baar )

गजानन आ जाओ एक बार,
सभा में तुम्हें बुलाते है ॥

वृंदावन जाने को जी चाहता है (Vrindavan Jane Ko Jee Chahta Hai)

वृंदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है ।

मिश्री से भी मीठा नाम तेरा(Mishri Se Bhi Meetha Naam Tera)

मिश्री से भी मीठा नाम तेरा,
तेरा जी मैया,

मत्स्य द्वादशी कब है

भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से एक मत्स्य अवतार की जयंती के रूप में मनाया जाने वाला मत्स्य द्वादशी पर्व इस साल दिसंबर में मनाया जाएगा। यह पर्व मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मनाया जाता है ।

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