नवीनतम लेख

भगवान बुद्ध वन्दना (Bhagwan Buddha Vandana)

बुद्ध वन्दना

नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मा सम्बुद्धस्स ।

नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मा सम्बुद्धस्स ।

नमो तस्स भगवतो अरहतो सम्मा सम्बुद्धस्स ।


त्रिशरण

बुद्धं शरणं गच्छामि ।

धर्मं शरणं गच्छामि ।

संघं शरणं गच्छामि ।


दुतियम्पि बुद्धं सरणं गच्छामि ।

दुतियम्पि धम्म सरणं गच्छामि ।

दुतियम्पि संघ सरणं गच्छामि ।

ततियम्पि बुद्धं सरणं गच्छामि ।

ततियम्पि धम्म सरणं गच्छामि ।

ततियम्पि संघ सरणं गच्छामि ।


पंचशील

1. पाणतिपाता वेरमणी सिक्खापदं समादियामि ।

2. अदिन्नादाना वेरमणी सिक्खापदं समादियामि ।

3. कामेसु मिच्छाचारा वेरमणी सिक्खापदं समादियामि ।

4. मुसावादा वेरमणी सिक्खापदं समादियामि ।

5. सुरा-मेरय-मज्ज-पमादट्ठानावेरमणी सिक्खापदं समादियामि ।

॥ भवतु सर्व मंगलं ॥


साधू साधू साधू॥

उत्पन्ना एकादशी पर एकाक्षी नारियल अर्पण

उत्पन्ना एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु और एकादशी माता की पूजा के लिए विशेष माना जाता है।

मार्गशीर्ष माह के प्रमुख व्रत और पूजा विधि (Margashirsha Maas Ke Pramukh Vrat Aur Puja Vidhi)

मार्गशीर्ष मास हिंदू पंचांग का नौवां माह है, जो कि आश्विन मास के बाद आता है। इस वर्ष मार्गशीर्ष मास की गणना 16 नवंबर से 15 दिसंबर 2024 तक है।

अनंत चतुर्दशी पर क्यों होती है भगवान विष्णु की पूजा, शुभ मुहूर्त और महत्व के साथ जानिए संपूर्ण पूजा विधि

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी पर अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है।

मेरी झोपड़ी के भाग, आज खुल जाएंगे(Meri Jhopdi Ke Bhag Aaj Khul Jayenge)

मेरी झोपड़ी के भाग,
आज खुल जाएंगे,

यह भी जाने