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चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां (Charan Kamal Tere Dhoye Dhoye Peevan)

सिमर सिमर नाम जीवा

तन मन होए निहाला,

चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां

मेरे सतगुरु दीन दयाला

चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां

मेरे सतगुरु दीन दयाला


सिमर सिमर नाम जीवा

तन मन होए निहाला,

चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां

मेरे सतगुरु दीन दयाला

चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां

मेरे सतगुरु दीन दयाला


पार ब्रह्म परमेश्वर सतगुरु,

आपे कर निहाला,

चरण धुल तेरी सेवक मांगे

तेरे दर्शन दो बलिहारा,


सिमर सिमर नाम जीवा

तन मन होए निहाला,

चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां

मेरे सतगुरु दीन दयाला

चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां

मेरे सतगुरु दीन दयाला


मेरे राम राये, मेरे राम राये

ज्यों राखे, त्यों रहिये

दुःख पावे ता नाम जपांवे

सुख तेरा देता लहिए


सिमर सिमर नाम जीवा

तन मन होए निहाला,

चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां

मेरे सतगुरु दीन दयाला

चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां

मेरे सतगुरु दीन दयाला


मुकत भुगत जुगत तेरी सेवा

जिसे तू आप करावे

तहाँ बैकुंठ जहाँ कीर्तन तेरा

तू आपे सारधा लावे,


सिमर सिमर नाम जीवा

तन मन होए निहाला,

चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां

मेरे सतगुरु दीन दयाला

चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां

मेरे सतगुरु दीन दयाला


कुर्बान जाऊ तो उस वेला सुहावे,

तुमने द्वारे आवा,

नानक को प्रभु भये किरपाला,

सतगुरु पूरा पाया,


सिमर सिमर नाम जीवा

तन मन होए निहाला,

चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां

मेरे सतगुरु दीन दयाला

चरण कमल तेरे धोए धोए पीवां

मेरे सतगुरु दीन दयाला

राधा रानी की पूजा विधि

मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर माह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है।

दुर्गाष्टमी पर मां दुर्गा को क्या भोग लगाएं

हिंदू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी का व्रत अत्यंत शुभ माना गया है। यह पर्व हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन मां दुर्गा की पूजा और व्रत के साथ उन्हें विशेष भोग अर्पित करने का विधान है।

महाशिवरात्रि पर बेलपत्र चढ़ाने के नियम

महाशिवरात्रि, हिंदू धर्म का एक अत्यंत महत्वपूर्ण पर्व है, जो भगवान शिव और माता पार्वती के दिव्य विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस पावन अवसर पर, प्रत्येक हिंदू घर में उत्साह और श्रद्धा का वातावरण होता है। शिव भक्त इस दिन विशेष रूप से व्रत रखते हैं और चारों पहर में भगवान शिव की आराधना करते हैं।

श्री कृष्ण चालीसा

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