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दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना (Duniya Me Dev Hazaro Hai Bajrangbali Ka Kya Kahna)

दुनिया मे देव हजारो हैं, बजरंग बली का क्या कहना

इनकी शक्ति का क्या कहना, इनकी भक्ति का क्या कहना

दुनिया मे देव हजारो हैं, बजरंग बली का क्या कहना


ये सात समुन्दर लांग गए और गढ़ लंका मे कूद गए

रावन को डराना क्या कहना, लंका को जलाना क्या कहना

दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना


जब लक्ष्मन जी बेहोश हुए, संजीवनी बूटी लाने गए

परबत को उठाना क्या कहना, लक्ष्मन को जिवाना क्या कहना

दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना


‘बनवारी’ इनके सीने मे सिया राम की जोड़ी रहती है

ये राम दिवाना क्या कहना, गुण गाये जमाना क्या कहना

दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना

काशी के कोतवाल काल भैरव

काशी के राजा भगवान विश्वनाथ और कोतवाल भगवान काल भैरव की जोड़ी हिंदू पौराणिक कथाओं में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

प्रदोष व्रत क्यों रखा जाता है?

हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत का विशेष महत्व है। दरअसल, यह व्रत देवाधिदेव महादेव शिव को ही समर्पित है। प्रदोष व्रत हर माह में दो बार, शुक्ल और कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को किया जाता है।

रख लाज मेरी गणपति(Rakh Laaj Meri Ganpati)

रख लाज मेरी गणपति,
अपनी शरण में लीजिए ।

शारदीय नवरात्रि पौराणिक कहानी

शारदीय नवरात्रि में नौ देवियों की पूजा की जाती है और यह शक्ति साधना का पर्व है। इस दौरान भक्तजन उपवास रखते हैं और विजयादशमी पर उत्सव मनाया जाता है।

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