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दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना (Duniya Me Dev Hazaro Hai Bajrangbali Ka Kya Kahna)

दुनिया मे देव हजारो हैं, बजरंग बली का क्या कहना

इनकी शक्ति का क्या कहना, इनकी भक्ति का क्या कहना

दुनिया मे देव हजारो हैं, बजरंग बली का क्या कहना


ये सात समुन्दर लांग गए और गढ़ लंका मे कूद गए

रावन को डराना क्या कहना, लंका को जलाना क्या कहना

दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना


जब लक्ष्मन जी बेहोश हुए, संजीवनी बूटी लाने गए

परबत को उठाना क्या कहना, लक्ष्मन को जिवाना क्या कहना

दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना


‘बनवारी’ इनके सीने मे सिया राम की जोड़ी रहती है

ये राम दिवाना क्या कहना, गुण गाये जमाना क्या कहना

दुनिया मे देव हजारो हैं बजरंग बली का क्या कहना

परीक्षा सफलता पूजा विधि

हिंदू संस्कृति में मनुष्य के जीवन के अलग अलग पड़ावों को संस्कारों के साथ पवित्र बनाया जाता है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण संस्कार है विद्यारंभ संस्कार । यह संस्कार बच्चों के जीवन में शिक्षा की शुरुआत का प्रतीक है।

राधे ब्रज जन मन सुखकारी(Radhe Braj Jan Man Sukhakari)

राधे ब्रज जन मन सुखकारी,
राधे श्याम श्यामा श्याम

आंवला नवमी शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

हिंदू धर्म में कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी का त्योहार मनाया जाता है। इसे अक्षय नवमी और सीता नवमी के नाम से भी जाना जाता है।

छठ पूजा: पहिले पहिल, छठी मईया व्रत तोहार (Chhath Puja: Pahile Pahil Chhathi Maiya)

पहिले पहिल हम कईनी,
छठी मईया व्रत तोहार ।

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