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गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला(Gajanan Ganesha Hai Gaura Ke Lala)

गजानन गणेशा है गौरा के लाला,

दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥

है सबसे जुदा और सबसे ही न्यारी,

है शंकर के सूत तेरी मूषक सवारी,

होती देवों में प्रथम तेरी पूजा,

नहीं देव कोई है तुमसे निराला,

गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,

दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥


जो है बाँझ संतान उनको मिली है,

जो है सुने आँगन वहां कलियाँ खिली है,

कोढ़ी तुम देते कंचन सी काया,

भूखे को देते हो तुम ही निवाला,

गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,

दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥


रिद्धि और सिद्धि हो तुम देने वाले,

ये तन मन ये जीवन है तेरे हवाले,

‘अविनाश’ गाए और छूटे ना सरगम,

बना दे ‘बिसरया’ तू गीतों की माला,

गजानन गणेशा हैं गौरा के लाला,

दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥


गजानन गणेशा है गौरा के लाला,

दयावन्त एकदन्त स्वामी कृपाला ॥

शिव भोला भंडारी (Shiv Bhola Bhandari)

शिव भोला भंडारी,
सुख का त्योहार,

बालाजीं मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजीं (Balaji Meri Bigdi Bana Do Mere Balaji)

बालाजी बालाजी,
मेरी बिगड़ी बना दो मेरे बालाजीं,

जय गणेश काटो कलेश (Jai Ganesh Kato Kalesh)

विघ्नहरण मंगलकरण,
गौरी सुत गणराज,

मासिक दुर्गाष्टमी स्तोत्र

मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। इस साल मासिक दुर्गा अष्टमी का पहला व्रत 07 जनवरी 2025 को मनाई जाएगी।

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