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गणपति तुम सब गण के राजा (Ganpati Tum Sab Gan Ke Raja)

गणपति तुम सब गण के राजा,

गणपति तुम सब गण के राजा,

पूरण करो हमारे काज,

पूरण करो हमारे काज,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूर्ण करो हमारे काज ॥


आशुतोष सूत तुम दुर्वा से,

तुष्ट होते महाराज गणपति,

पूरण करो हमारे काज,

पूरण करो हमारे काज,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूर्ण करो हमारे काज ॥


चन्द्र भाल तनु विशाल शोभित,

राखत बदन प्रलाज गणपति,

पूरण करो हमारे काज,

पूरण करो हमारे काज,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूर्ण करो हमारे काज ॥


कठिन काल आया है स्वामी,

राखो सबकी लाज गणपति,

पूरण करो हमारे काज,

पूरण करो हमारे काज,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूर्ण करो हमारे काज ॥


गणपति तुम सब गण के राजा,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूरण करो हमारे काज,

पूरण करो हमारे काज,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूर्ण करो हमारे काज ॥

शिव शंकर तुम कैलाशपति (Shiv Shankar Tum Kailashpati)

शिव शंकर तुम कैलाशपति,
है शीश पे गंग विराज रही,

संकट के साथी को हनुमान कहते हैं(Sankat Ke Sathi Ko Hanuman Kahate Hain)

दुनिया के मालिक को भगवान कहते हैं
संकट के साथी को हनुमान कहते हैं॥

आदियोगी दूर उस आकाश की गहराइयों में (Adiyogi door us aakash ke gaharaiyon mein)

दूर उस आकाश की गहराइयों में,
एक नदी से बह रहे हैं आदियोगी,

नरसिंह द्वादशी क्यों मनाई जाती है

फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि के दिन नरसिंह द्वादशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विष्णु जी के अवतार भगवान नरसिंह की पूजा की परंपरा है।

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