नवीनतम लेख

गणपति तुम सब गण के राजा (Ganpati Tum Sab Gan Ke Raja)

गणपति तुम सब गण के राजा,

गणपति तुम सब गण के राजा,

पूरण करो हमारे काज,

पूरण करो हमारे काज,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूर्ण करो हमारे काज ॥


आशुतोष सूत तुम दुर्वा से,

तुष्ट होते महाराज गणपति,

पूरण करो हमारे काज,

पूरण करो हमारे काज,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूर्ण करो हमारे काज ॥


चन्द्र भाल तनु विशाल शोभित,

राखत बदन प्रलाज गणपति,

पूरण करो हमारे काज,

पूरण करो हमारे काज,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूर्ण करो हमारे काज ॥


कठिन काल आया है स्वामी,

राखो सबकी लाज गणपति,

पूरण करो हमारे काज,

पूरण करो हमारे काज,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूर्ण करो हमारे काज ॥


गणपति तुम सब गण के राजा,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूरण करो हमारे काज,

पूरण करो हमारे काज,

गणपति तूम सब गण के राजा,

पूर्ण करो हमारे काज ॥

वार्षिक श्राद्ध पूजा विधि

हिंदू धर्म में श्राद्ध पूजा का विशेष महत्व है। यह पितरों यानी पूर्वजों के प्रति अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करने का एक प्रमुख अनुष्ठान है। जो सदियों से हिंदू संस्कृति में करा जाता है। श्राद्ध संस्कार में पिंडदान, और ब्राह्मण भोजन कराया जाता है।

मै हूँ बेटी तू है माता: भजन (Main Hoon Beti Tu Hai Mata)

मै हूँ बेटी तू है माता,
ये है जनम-जनम का नाता ।

पूर्णिमा व्रत विधि क्या है

पौष माह की पूर्णिमा साल 2025 की पहली पूर्णिमा होने वाली है। इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से जन्मों-जन्मों के पाप से मुक्ति मिलती है। कुछ लोगों में असमंजस की स्थिति है कि पौष पूर्णिमा इस बार 13 जनवरी को या 14 जनवरी को मनाई जाएगी?

दिसंबर में कब है दुर्गा अष्टमी?

शुक्ल पक्ष की अष्टमी का दिन मां दुर्गा को समर्पित होता है। इस दिन विधिवत मां दुर्गा की पूजा-अर्चना की जाती है। हिंदू पंचांग के मुताबिक, प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी मां दुर्गा की आराधना के लिए समर्पित होती है। इस विधि-विधान से व्रत और पूजा करके मां दुर्गा की स्तुति की जाती है।

यह भी जाने