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गौरी के लाड़ले (Gauri Ke Ladle)

गौरी के लाड़ले,

महिमा तेरी महान,

करता है सबसे पहले,

पूजा तेरी जहान,

गौरी के लाडले,

महिमा तेरी महान ॥


चंदन चौकी पे बिराजे,

दाता गजशिश धारी,

शीश स्वर्ण मुकुट,

गले मोतियन माला प्यारी,

रिद्धि सिद्धि अंग संग,

छवि सबसे है न्यारी,

भोग लड्डुवन का लगे,

करे मूसे की सवारी,

पुरे हो काम तब ही,

पहले तुम्हारा ध्यान,

गौरी के लाडले,

महिमा तेरी महान ॥


माता गौरी जी के लाल,

शिव भोले के दुलारे,

रखे भक्तो की लाज,

काज बिगड़े सवारे,

अन्न धन ज्ञान मान,

से वो भरते भंडारे,

तेरा नाम सरल,

जो भी मन से पुकारे,

बिन मांगे लख्खा पाए,

मुंह माँगा तुमसे दान,

गौरी के लाड़ले,

महिमा तेरी महान,

करता है सबसे पहले,

पूजा तेरी जहान,

गौरी के लाडले,

महिमा तेरी महान ॥

ओ शंकर मेरे, कब होंगे दर्शन तेरे (O shankar Mere Kab Honge Darshan Tere)

ओ शंकर मेरे,
कब होंगे दर्शन तेरे,

पौष में सूर्यदेव की पूजा क्यों होती है

पौष मास हिंदू पंचांग का दसवां महीना है और इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ और महत्वपूर्ण माना गया है। यह महीना 13 जनवरी तक रहेगा, जिसके बाद माघ महीने की शुरुआत होगी।

ऐसो रास रच्यो वृन्दावन (Aiso Ras Racho Vrindavan)

ऐसो रास रच्यो वृन्दावन,
है रही पायल की झंकार ॥

जानकी जयंती पर सीता चालीसा का पाठ

हिंदू धर्म में भगवान राम और माता सीता की पूजा बहुत शुभ और कल्याणकारी मानी गई है। देवी सीता को जानकी के नाम से भी जाना जाता है, वे जगत जननी मां लक्ष्मी का स्वरूप हैं।

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