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गौरी नंदन थारो अभिनंदन, करे सारो परिवार (Gauri Nandan Tharo Abhinandan Kare Saro Parivar)

गौरी नंदन थारो अभिनंदन,

करे सारो परिवार,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो ॥


बल और बुद्धि को तो,

थारो भंडार है,

तीनो लोक में पहलो,

थारो अधिकार है,

थारी पूजा सबसे पहले,

करे सारो संसार,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो ॥


विघ्न विनाशक सारी,

विपदा मिटाओ,

रिद्धि सिद्धि सागे लेकर,

म्हारे घरा आओ,

काम कोई भी करने से पहले,

पड़े थारी दरकार,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो ॥


चंदन की चौकी पर म्हे,

थाने बिठावा,

तिलक लगावा ‘भक्ता’,

हार पहनावा,

मोदक लड्डूवा को भोग लगावा,

कर लीजो स्वीकार,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो ॥


गौरी नंदन थारो अभिनंदन,

करे सारो परिवार,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो,

गजानन आन पधारो,

लड़ावा लाड़ मैं थारो ॥

उड़े उड़े बजरंगबली, जब उड़े उड़े (Ude Ude Bajrangbali, Jab Ude Ude)

उड़े उड़े बजरंगबली, जब उड़े उड़े,
उड़े उड़े बजरंगबली, जब उड़े उड़े,

7 अक्टूबर को पड़ रही है उपांग ललिता पंचमी 2024, कौन से हैं पूजा के शुभ मूहूर्त, क्या पूजा विधि और व्रत के लाभ

उपांग ललिता पंचमी एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो पंचांग के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।

रात भादो की थी, छाई काली घटा(Raat Bhado Ki Thi Chhai Kali Ghata)

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काल भैरव की कथा

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