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घर आये राम लखन और सीता(Ghar Aaye Ram Lakhan Aur Sita)

घर आये राम लखन और सीता,

अयोध्या सुन्दर सज गई रे,

सुन्दर सज गई रे अयोध्या,

सुन्दर सज गई रे,

घर आये राम लखन और सीता,

अयोध्या सुन्दर सज गई रे ॥


मात कौशल्या बांटे बधाई,

प्रीत हिया ना समाए,

चौदह बरस बिताए वनो से,

बेटे बहु गए आए,

जिसने दर्शन किये झांकी के,

किस्मत बन गई रे,

॥ घर आये राम लखन और सीता..॥


आज तो घर घर में छाया है,

दीपों का त्यौहार,

मंगल गीत गाए नर नारी,

होय रही जय जयकार,

आज अवध के दिन दुखियो की,

दुविधा टल गई रे,

॥ घर आये राम लखन और सीता..॥


राज तिलक गुरु वशिष्ठ कर रहे,

सबके मन हर्षाए,

सुन्दर छवि को पा करके मन,

सबका लिया लुभाए,

हनुमान चरणों में बैठे,

झाँकी सज गई रे,

॥ घर आये राम लखन और सीता..॥


ब्रम्हा विष्णु महेश गगन से,

रहे पुष्प बरसाए,

देव देवियाँ सब मिल करके,

खुशिया रहे मनाए,

ढोल नगाड़ो की आवाजे,

दूर तलक गई रे,

॥ घर आये राम लखन और सीता..॥


घर आये राम-लखन और सीता,

अयोध्या सुन्दर सज गई रे,

सुन्दर सज गई रे अयोध्या,

सुन्दर सज गई रे,

घर आये राम लखन और सीता,

अयोध्या सुन्दर सज गई रे ॥

हे महाशक्ति हे माँ अम्बे, तेरा मंदिर बड़ा ही प्यारा है (Hey Mahashakti Hey Maa Ambey Tera Mandir Bada Hi Pyara Hai)

हे महाशक्ति हे माँ अम्बे,
तेरा मंदिर बड़ा ही प्यारा है ॥

फरवरी में कब है स्कंद षष्ठी?

हिंदू पंचांग के अनुसार, हर महीने शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी का व्रत रखा जाता है। इसे कुमार षष्ठी के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा और व्रत कथा का पाठ करने से मन को शांति मिलती है।

नमामी राधे नमामी कृष्णम(Namami Radhe Namami Krishnam)

हे भक्तवृंदों के प्राण प्यारे,
नमामी राधे नमामी कृष्णम,

जय हो बाबा विश्वनाथ (Jay Ho Baba Vishwanath)

जय हो बाबा विश्वनाथ,
जय हो भोले शंकर,