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गुणवान मेरे गणपति बुद्धि के है दाता (Gunwan Mere Ganpati Buddhi Ke Hain Data)

गुणवान मेरे गणपति बुद्धि के है दाता

है मेरे दाता सबके दाता भाग्यविधाता ।

मेरे दाता,मेरे दाता, मेरे दाता, मेरे दाता

है मेरे दाता सबके दाता भाग्यविधाता ॥


बैठे है ऊँचे आसन डाले तन दुशाला है

वो ही सुनने वाला है वो ही सूंड वाला है ।

गजमुखधर विशाला है गजवदन निराला है

तीनो लोक में देखो जपते जिनकी माला है ।

माता है सती पार्वती पिता भोलाभाला है

वो ही सुनने वाला है पुत्र सूंड वाला है ॥

बिगड़ी बनाने वाला बिगड़ी को बनाता,

आई हर मुसीबत को पल में मिटाता,

है मेरे दाता सबके दाता भाग्य विधाता ॥


करले भक्ति तू मनवा काम तेरे आएगी

फूटी हुई किस्मत भी तेरी बदल जाएगी ।

हर कारज में आते है पहले मेरे गणराजा

देवो के देव महादेवा मेरे गणराजा ।

आवाज में है गणराजा साज में गणराजा

राज में है गणराजा ताज में है गणराजा ॥

लाज में है गणराजा लाज बचाता

भक्तो को थाम लेता दुष्टो को गिराता

है मेरे दाता सबके दाता भाग्य विधाता ॥


मेरे दाता,मेरे दाता, मेरे दाता, मेरे दाता

है मेरे दाता सबके दाता भाग्यविधाता

गुणवान मेरे गणपति बुद्धि के है दाता

है मेरे दाता सबके दाता भाग्यविधाता ।

मेरे दाता,मेरे दाता, मेरे दाता, मेरे दाता

है मेरे दाता सबके दाता भाग्यविधाता ॥

दादी को नाम अनमोल, बोलो जय दादी की (Dadi Ko Naam Anmol Bolo Jay Dadi Ki )

दादी को नाम अनमोल,
बोलो जय दादी की,

शिवाष्ट्कम्: जय शिवशंकर, जय गंगाधर.. पार्वती पति, हर हर शम्भो

जय शिवशंकर, जय गंगाधर, करुणाकर करतार हरे,
जय कैलाशी, जय अविनाशी, सुखराशी सुख-सार हरे,

झूलेलाल जयंती 2025 कब है

चेटीचंड, सिंधी समुदाय के लोगों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह पर्व चैत्र शुक्ल द्वितीया को मनाया जाता है, जिसे सिंधी नववर्ष की शुरुआत भी माना जाता है।

शीतला अष्टमी व्रत कथा

शीतला अष्टमी का पर्व श्रद्धा और नियमों का पालन करने का दिन होता है। इस दिन विशेष रूप से ठंडे भोजन का सेवन किया जाता है, क्योंकि माता शीतला को बासी भोजन का भोग लगाया जाता है।

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