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हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी (He Hans Vahini Gyan Dayini)

हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी

अम्ब विमल मति दे

अम्ब विमल मति दे

हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी

अम्ब विमल मति दे

अम्ब विमल मति दे

जग सिरमौर बनाएँ भारत

वह बल विक्रम दे

वह बल विक्रम दे

हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी

अम्ब विमल मति दे

अम्ब विमल मति दे


साहस शील हृदय में भर दे

जीवन त्याग-तपोमय कर दे

साहस शील हृदय में भर दे

जीवन त्याग-तपोमय कर दे

संयम सत्य स्नेह का वर दे

स्वाभिमान भर दे

संयम सत्य स्नेह का वर दे

स्वाभिमान भर दे।

हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी

अम्ब विमल मति दे

अम्ब विमल मति दे


लव-कुश ध्रुव प्रहलाद बनें हम

मानवता का त्रास हरें हम

लव-कुश ध्रुव प्रहलाद बनें हम

मानवता का त्रास हरें हम

सीता सावित्री दुर्गा मां

फिर घर-घर भर दे

सीता सावित्री दुर्गा मां

फिर घर-घर भर दे।

हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी

अम्ब विमल मति दे

अम्ब विमल मति दे

अम्ब विमल मति दे


विश्वेश्वर व्रत कथा

सनातन धर्म में प्राचीन काल से ही विश्वेश्वर व्रत भगवान शिव को समर्पित एक अत्यंत पवित्र व्रत है। इस व्रत को शिव जी की कृपा प्राप्त करने के उद्देश्य से रखा जाता है।

लेके गौरा जी को साथ भोले-भाले भोले नाथ(Leke Gaura Ji Ko Sath Bhole Bhale Bhole Nath)

लेके गौरा जी को साथ,
भोले-भाले भोले नाथ,

सवारिये ने भूलूं न एक घडी(Sanwariye Ne Bhule Naa Ek Ghadi)

पूरन ब्रह्म पूरन ज्ञान
है घाट माई, सो आयो रहा आनन्द

हे महाशक्ति हे माँ अम्बे, तेरा मंदिर बड़ा ही प्यारा है (Hey Mahashakti Hey Maa Ambey Tera Mandir Bada Hi Pyara Hai)

हे महाशक्ति हे माँ अम्बे,
तेरा मंदिर बड़ा ही प्यारा है ॥