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हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी (He Hans Vahini Gyan Dayini)

हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी

अम्ब विमल मति दे

अम्ब विमल मति दे

हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी

अम्ब विमल मति दे

अम्ब विमल मति दे

जग सिरमौर बनाएँ भारत

वह बल विक्रम दे

वह बल विक्रम दे

हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी

अम्ब विमल मति दे

अम्ब विमल मति दे


साहस शील हृदय में भर दे

जीवन त्याग-तपोमय कर दे

साहस शील हृदय में भर दे

जीवन त्याग-तपोमय कर दे

संयम सत्य स्नेह का वर दे

स्वाभिमान भर दे

संयम सत्य स्नेह का वर दे

स्वाभिमान भर दे।

हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी

अम्ब विमल मति दे

अम्ब विमल मति दे


लव-कुश ध्रुव प्रहलाद बनें हम

मानवता का त्रास हरें हम

लव-कुश ध्रुव प्रहलाद बनें हम

मानवता का त्रास हरें हम

सीता सावित्री दुर्गा मां

फिर घर-घर भर दे

सीता सावित्री दुर्गा मां

फिर घर-घर भर दे।

हे हंसवाहिनी ज्ञान दायिनी

अम्ब विमल मति दे

अम्ब विमल मति दे

अम्ब विमल मति दे


भगवान तुम्हारे चरणों में, मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ (Bhagwan Tumhare Charno Mein Main Tumhe Rijhane Aaya Hun)

भगवान तुम्हारे चरणों में,
> मैं तुम्हे रिझाने आया हूँ,

गोवर्धन पूजा की कथा

गोवर्धन पूजा एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है, जो भगवान कृष्ण की महिमा और उनके भक्तों के प्रति उनके प्रेम का उत्सव मनाता है। इस त्योहार के दौरान, एक पारंपरिक प्रथा है जिसमें गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई जाती है।

जपा कर बैठ कर बन्दे, राम का नाम प्यारा है (Japa Kar Baith Kar Bande Ram Ka Naam Pyara Hai)

जपा कर बैठ कर बन्दे,
राम का नाम प्यारा है,

आरती भगवान श्री खाटू श्याम जी की (Aarti Bhagwan Shri Khatu Shyam Ji Ki)

ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे ।
खाटू धाम विराजत, अनुपम रूप धरे॥