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जय हों तेरी गणराज गजानन (Jai Ho Teri Ganraj Gajanan)

जय हो तेरी गणराज गजानन ॥


दोहा – प्रथमें गौरा जी को वंदना,

द्वितीये आदि गणेश,

तृतीये सिमरा माँ शारदा,

मेरे काटो सकल कलेश ॥


जय हो तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज,

प्रथम पूज्य तुम देव हो देवा,

देवो के महाराज,

जय हों तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज ॥


सारी दुनिया में तुमसा,

ना दूजा कोई,

जो भी आशा करे,

पूरी तुमसे हुई,

मंगलकर्ता विघ्नहरैया,

पूरण करते काज,

जय हों तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज ॥


मांगे दर से तुम्हारे,

तो सब कुछ मिले,

सबका आँगन,

खुशी से है फुले फले,

तीनो लोक के स्वामी हो तुम,

देवो के सरताज,

जय हों तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज ॥


जय हों तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज,

प्रथम पूज्य तुम देव हो देवा,

देवो के महाराज,

जय हों तेरी गणराज गजानन,

जय हो तेरी गणराज ॥

क्षिप्रा के तट बैठे है, मेरे भोले भंडारी (Shipra Ke Tat Baithe Hai Mere Bhole Bhandari)

क्षिप्रा के तट बैठे है,
मेरे भोले भंडारी,

विवाह पंचमी कब है

विवाह पंचमी एक विशेष हिंदू पर्व है, जो भगवान श्री राम और माता सीता के विवाह के अवसर पर मनाया जाता है। यह दिन विशेष रूप से रामभक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।

खरमास की कथा

सनातन धर्म में खरमास को विशेष महत्व बताया गया है। यह एक ऐसा समय होता है जब सूर्य देव धनु या मीन राशि में रहते हैं जिसमें मांगलिक कार्य पर रोक रहती है। इस साल खरमास रविवार, 15 दिसंबर 2024 से शुरू हो रहा है जो 14 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा।

बनवारी ओ कृष्ण मुरारी (Banwari O Krishna Murari)

बनवारी ओ कृष्ण मुरारी,
बता कुण मारी,

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