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कहा प्रभु से बिगड़ता क्या (Kaha Prabhu Se Bigadta Kya)

कहा प्रभु से बिगड़ता क्या,

मेरी बिगड़ी बनाने में


मजा क्या आ रहा तुमको,

मुझे दर दर घूमाने में


वे बोले क्यों मेरे पीछे,

पड़ा तू रोज रहता है,


मैं बोला, दूसरा कोई

और बता दो जमाने में


वे बोले कि हजारों हैं,

करूंगा कृपा किस किस पर


मैं बोला साफ ही कह हो,

बचा कुछ नहीं खजाने में


वे बोले होश में बोलो,

नहीं तो रूठ जाऊँगा,


मैं बोला हो बड़े माहिर,

जल्दी रूठ जाने में


कहीं कुछ साधना की है,

वो बोले तो कहा मैंने


सुना है रीझ जाते हो

फकत आंसू बहाने में


वे बोले मेरी मर्जी है

करूंगा जो भी चाहूंगा


मैं बोला कर दो परिवर्तन,

करूणानिधि कहाने में


वे बोले करुणा दया न होती

तो जन राजेश न होते


मैं बोला हर्ज फिर क्या है,

मुझे मुख छवि दिखाने में


कहा प्रभु से बिगड़ता क्या,

मेरी बिगड़ी बनाने में

राम लक्ष्मण के संग जानकी, जय बोलो हनुमान की (Ram Lakshman Ke Sang Janki)

राम लक्ष्मण के संग जानकी,
जय बोलो हनुमान की,

श्री परशुराम चालीसा (Shri Parshuram Chalisa)

श्री गुरु चरण सरोज छवि, निज मन मन्दिर धारि।
सुमरि गजानन शारदा, गहि आशिष त्रिपुरारि।।

बैठी हो माँ सामने, कर सोलह श्रृंगार (Baithi Ho Maa Samne Kar Solah Shringar)

बैठी हो माँ सामने,
कर सोलह श्रृंगार,

माघ महीने में तुलसी की पूजा कैसे करें?

माघ का महीना हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, वर्ष का दसवां महीना होता है और यह दिसंबर-जनवरी के बीच आता है। माघ का महीना विशेष रूप से धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होता है।

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