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महाराज विनायक आओ: भजन (Maharaj Vinayak Aao)

गणराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


रणत भवन से आवो नी गजानन,

संग में रिद्धि सिद्धि ल्यावो,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


गणराज विनायक आवो,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


ब्रम्हा जी आवो देवा विष्णु पधारो,

संग में सरस्वती ले आवो,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


गणराज विनायक आवो,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


नांदिये सवारी शिव भोला पधारो,

संग में पार्वती ने ल्यावो,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


गणराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


सिंघ सवारी नवदुर्गे पधारो,

संग में काळा गौरा ल्यावो,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


गणराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


लीले सवारी बाबा रामदेव आवो,

संग में मेतल राणी ल्यावो,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


गणराज विनायक आवो,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


तानसेन देवा थारो यश गावे,

भूल्या ने राह बतावो,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥


गणराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ,

महाराज विनायक आओ,

म्हारी सभा में रंग बरसाओ ॥

हरियाली तीज (Hariyali Teej)

हरियाली तीज, जिसे श्रावण तीज के नाम से भी जाना जाता है, एक पारंपरिक हिंदू त्योहार है जो भारत और नेपाल में मनाया जाता है। हरियाली तीज का अर्थ है "हरियाली की तीज" या "हरित तीज"। यह नाम इसलिए पड़ा है क्योंकि यह त्योहार मानसून के मौसम में मनाया जाता है, जब प्रकृति में हरियाली का प्रवेश होता है। यह पर्व श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो आमतौर पर जुलाई या अगस्त में पड़ती है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा का विधान है।

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एक तू ही मेरा जग बेगाना,
कन्हैया मेरी लाज रखना,

क्यों खास होता है फाल्गुन मास

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